रामपुर में विशाल विधिक साक्षरता शिविर आयोजित, जनता को कानूनों की जानकारी दी गई

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

रामपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, किन्नौर के सहयोग से डिग्री कॉलेज रामपुर में विशाल विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में न्यायाधीश मदन कुमार, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने मुख्यातिथि और न्यायाधीश रणजीत सिंह, सदस्य सचिव हिमाचल प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की और मुख्यातिथि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि विधिक साक्षरता समाज के हर वर्ग को जागरूक करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कानून केवल पूजा अर्चना या औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता, न्याय और अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करता है, उन्होंने नशा समस्या पर भी चिंता जताई और कहा कि इसे रोकने के लिए समाज में सख्ती और जागरूकता आवश्यक है।

इस दौरान उप मुख्य कानूनी सहायता वकील विकेश कुमार कोचर ने कहा कि ऐसे शिविर का उद्देश्य गरीब और कमजोर वर्गों को उनके कानूनी अधिकारों और जिम्मेदारियों की जानकारी देना है और उन्हें मुफ्त कानूनी सहायता तक पहुँच प्रदान करना है। इस शिविर में डिग्री कॉलेज के छात्रों ने नशा मुक्त समाज पर लघु नाटिका प्रस्तुत की और खंड विकास कार्यालय रामपुर बुशहर के प्रतिनिधियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया। इसके साथ ही विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरमेश, वरिष्ठ सिविल जज बलजीत, एसीजेएम, एसडीएम रामपुर हर्ष अमरेंद्र नेगी, महिला मंडल, पंचायत प्रतिनिधि और छात्र वर्ग सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।

इसी तरह यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (POCSO) नेहा दहिया ने बताया कि यह अधिनियम 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को यौन अपराधों और शोषण से सुरक्षित रखता है। उन्होंने कहा कि इसके तहत बच्चे के हितों की रक्षा के लिए बाल-अनुकूल न्याय प्रक्रिया और गंभीर अपराधों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। एसएचओ आशीष कौशल ने युवाओं को नशा मुक्त समाज की ओर प्रेरित करते हुए कहा कि खेलों और पढ़ाई में रुचि बढ़ाकर नशे से दूर रहना आवश्यक है और उन्होंने बताया कि पुलिस ने पिछले ढाई साल में लगभग 1100 नशा मामलों में कार्रवाई की है, इस तरह तनुजा ठाकुर, वकील, ने पर्यावरण और भूमंडल संरक्षण का महत्व समझाते हुए कहा कि यह केवल वायु, जल और भूमि के संरक्षण तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे ग्रह और उसके संसाधनों की रक्षा का व्यापक प्रयास है।