मानवाधिकार केवल नीति नहीं, बल्कि साझा उत्तरदायित्व हैं: प्रराबा जयपुरियार, वीपी लीगल, SUEZ

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। SUEZ द्वारा आयोजित “Duty of Care Conference” में देशभर से 50 से अधिक प्रतिष्ठित मानवाधिकार संगठनों ने भाग लेकर कार्यस्थल पर मानवाधिकारों की रक्षा, समानता और निष्पक्षता जैसे विषयों पर गहन विमर्श किया। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य निजी क्षेत्र में मानवाधिकारों के संरक्षण को लेकर उत्तरदायी और संवेदनशील कार्य संस्कृति को मजबूत करना रहा।
सम्मेलन के मुख्य वक्ता प्रारब्ध जैपुरिया वाइस प्रेसिडेंट (लीगल), SUEZ ने कहा कि “Duty of Care केवल एक कॉर्पोरेट नीति नहीं, बल्कि एक नैतिक और व्यावसायिक उत्तरदायित्व है, जिसे SUEZ अपने सभी साझेदारों, वेंडर्स और सप्लायर नेटवर्क के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर लागू कर रही है।”
कार्यक्रम के दौरान भारतीय संविधान के Directive Principles of State Policy में वर्णित अनुच्छेद 39 के प्रावधानों — Equal Pay for Equal Work और Right to Livelihood — पर विस्तृत चर्चा की गई। विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों ने कार्यस्थल पर समान अवसर, लैंगिक समानता, गैर-भेदभाव और सुरक्षित कार्य वातावरण जैसे विषयों पर अपने विचार रखे।
SUEZ द्वारा अपनी Vigilance एवं Human Rights Initiatives की प्रस्तुति देते हुए यह स्पष्ट किया गया कि कंपनी का लक्ष्य श्रमिकों, महिलाओं और पूरी सप्लाई चेन से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के लिए सुरक्षित, सम्मानजनक और भेदभाव-मुक्त वातावरण सुनिश्चित करना है।
सम्मेलन में शामिल विभिन्न मानवाधिकार संगठनों ने निजी क्षेत्र द्वारा मानवाधिकारों को लेकर अपनाई जा रही इस जिम्मेदार और सक्रिय भूमिका की सराहना की। कार्यक्रम के समापन पर SUEZ ने मानवाधिकार संरक्षण और सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए भविष्य में भी इस दिशा में निरंतर प्रयास जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया।