एपीजी विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा और इंजीनियरिंग का बताया गया महत्त्व, छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की दी प्रस्तुतियां

सभी प्रतिभागियों को मुख्य अतिथियों ने पुरस्कार देकर किया सम्मानित 

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एपीजी  विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा और  इंजीनियरिंग का बताया महत्त्व
एपीजी  विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा और  इंजीनियरिंग का बताया महत्त्व
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. मनिंदर कौर और विज्ञान अधिष्ठाता प्रो. डॉ. रोहिणी धरेला की अगुवाई में 14 सितंबर को  हिंदी दिवस पर कार्यक्रम और 15 सितंबर को  इंजीनियरिंग व कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अंकित ठाकुर की अगुवाई में इंजीनियरिंग दिवस  का आयोजन किया गया | जिसमें भाषण प्रतियोगिता, चित्रकला, हिंदी प्रश्नोत्तरी, इंजीनियरिंग प्रश्नोत्तरी रखी गई। इन दोनों महत्त्वपूर्ण दिवसों पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों ने बढ़चढ़कर भाग लिया। छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां पेश कर हिंदी भाषा और इंजीनियरिंग के महत्त्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति  प्रो. डॉ. आर.एस. चौहान, कुलाधिपति इंजीनियर सुमन विक्रांत और प्रति-कुलाधिपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान  ने बतौर मुख्य अतिथि व वशिष्ठ मुख्य अतिथि शिरकत की। कुलपति प्रो. डॉ. आर.एस. चौहान ने अपने उद्बोधन में कहां कि राष्ट्रीय  भाषा हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए हमें अपना योगदान देना चाहिए और दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ना चाहिए | उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी और डिजिटल के युग में हिंदी भाषा समृद्ध हो रही है और आज देश विदेशों में हिंदी का प्रचार-प्रसार के साथ हिंदी साहित्य पढ़ाया जा रहा है। देश को एकता के सूत्र में पुराने का काम हिंदी ने किया है और हिंदी साहित्य भारतीय संस्कृति को संजोए हुए है और यह आज पूरे भारत में लोगों के बीच संवाद का पूल बनकर उभरी है।
कुलपति चौहान ने भाषा और संस्कृति के बीच में संबंध को बताते हुए अपने कार्य को सभ्यता और संस्कृति के साथ हिंदी भाषा में करने के लिए प्रोत्साहित किया |हिंदी के मुख्य कवियों और साहित्यकारों की पंक्तियां पढ़ते हुए उन्होंने राष्ट्रीय कवि दिनकर के वीर तथा श्रृंगार रस को स्पष्ट करते हुए देवनागरी लिपि के महत्व को बताया और छात्रों को हिंदी अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया |   इस कार्यक्रम में हिंदी दिवस पर विद्यार्थीयो ने भाषण प्रतियोगिता, नारा लेखन, कविता पाठ के माध्यम से कार्यक्रम में अपना योगदान देते हुए हिंदी भाषा को अपने प्रयोग में लाने के लिए शपथ ली और अंत में हिंदी दिवस  और इंजीनियर दिवस पर सभी प्रतिभागियों को मुख्य अतिथियों ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
दूसरे दिन शुक्रवार को इंजीनियरिंग दिवस के अवसर पर  स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की ओर से विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अंकित ठाकुर की अगुवाई में इंजीनियर दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने इंजिनीरिंग और कंप्यूटर के क्षेत्र में हुए नवाचारों से संबंधित इंजीनियरिंग और कंप्यूटर के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न मॉडल प्रस्तुत किए। छात्र-छात्राओं ने इंजिनीरिंग व कंप्यूटर के क्षेत्र में हुए विकास पर भारत के महान इंजीनियर भारत रत्न सर एम. विश्वरेश्वरैया की जयंती पर उन्हें याद किया क्योंकि उन्होंने भारत के विकास में इंजीनियरिंग को सशक्त बनाने के लिए नए नवाचारों को आकार दिया था।
एपीजी  विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा और  इंजीनियरिंग का बताया महत्त्व
एपीजी  विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा और  इंजीनियरिंग का बताया महत्त्व

इंजिनीरिंग दिवस कार्यक्रम का आगाज़ विश्वविद्यालय के डीन शैक्षणिक प्रो. डॉ. आनंद मोहन शर्मा ने सभी सिविल इंजीनियरिंग व कंप्यूटर इंजीनियरिंग संकायों के छात्र-छात्राओं और कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य लोगों, मुख्य अतिथियों और प्राध्यापकगण का स्वागत उदबोधन से हुआ। डॉ. आनंद मोहन शर्मा ने कहा कि इंजिनीरिंग टेक्नोलॉजी से हर क्षेत्र में विकास संभव है जिसके पीछे हमारे इंजीनियरों की सोच, कड़ी मेहनत और नवाचार हैं। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. आर.एस. चौहान ने सभगार में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि  बेहतर दुनिया के लिए स्मार्ट इंजीनियरिंग आज के समय की मांग है।

कुलपति चौहान ने कहा कि विश्व के सभी विकसित और शक्तिशाली देश इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी और विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान और परमाणु टेक्नोलॉजी के बल पर हर क्षेत्र में आगे निकले हैं और भारत भी अब विकसित देशों की पंक्ति में इन नवाचारों और टेक्नोलॉजी के माध्यम से उभर रहा है। यह हमारे इंजीनियरों और टेक्नॉलॉजिस्ट्स की कड़ी मेहनत का परिणाम। मुख्य अतिथि चांसलर व पूर्व इंजीनियर-इन-चीफ इंजीनियर सुमन विक्रांत ने इंजीनियरिंग दिवस की बधाई देते हुए कहा कि इंजिनीरिंग टेक्नोलॉजी का मकसद मानव विकास के लिए नए नवाचारों को खोजना है और उन्हें बेहतर जीवन और विकसित समाज के निर्माण में प्रयोग में लाना है।
वहीं पूर्व कुलपति  प्रो-चांसलर प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने भी इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी विकास  के साथ-साथ मानव में बेहतर इंसान होने के गुण भी विकसित होने चाहिए ताकि टेक्नोलॉजी का प्रयोग पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए हो। चौहान ने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों, टेक्नॉलॉजिस्ट्स ने साबित कर दिया है कि भारत में नए नवाचारों वाली  युवा शक्ति है और चाँद पर भारत होने से देश की साख बढ़ी है और अब देश टेक्नोलॉजी के बल पर विश्व में आगे बढ़ रहा है। दोनों हिंदी भाषा दिवस और इंजीनियर दिवस को मनाने के लिए छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी।कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्ष  प्रो.डॉ. अंकित ठाकुर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
डॉ. अंकित ठाकुर ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी इंजीनियर, कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकगण का धन्यवाद किया और बधाई दी। इस अवसर पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार पॉल, परीक्षा नियंत्रक अफ़ज़ल खान, डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर रेहान,  डीन विज्ञान डॉ. रोहिणी धरेला, सभी संकायों के प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।