विशेष । “भारत और भारतीय अर्थव्यवस्था एक दृष्टि में”। हमारा भारत क्षेत्रफल की दृष्टि से दुनिया का सातवां बड़ा देश है और एशिया में चीन के बाद दूसरा बड़ा देश है ।भारतीय अर्थव्यवस्था एक विकासशील अर्थव्यवस्था है जिस देश में विकास की राह पर चलना आरंभ कर दिया हो उसे विकासशील अर्थव्यवस्था कहते हैं। अल्प विकसित अर्थव्यवस्था से विकास के पथ पर तेजी से चलने का यह सफर पिछले कई दशकों से चल रहा है। इतिहास में कभी सोने की चिड़िया कहलाए जाने वाला भारत एक वक्त अत्यंत पिछड़े देशों की श्रेणी में शुमार हो गया था। वह एक ऐसा समय था जब प्रत्येक भारतीय के पास ना तो दो वक्त का भोजन था और ना ही सर पर छत था।
लेकिन धीरे-धीरे हमारी अर्थव्यवस्था ने विकास के पथ पर चलना आरंभ कर दिया। परिणाम स्वरूप आज हमारी अर्थव्यवस्था विकासशील हो गई है। लेकिन आज भी भारत का सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय दूसरे विकास विकसित देशों जैसे जापान,सोवियत संघ औरअमेरिका आदि की तुलना में बहुत कम है। भारत की कार्यशील जनसंख्या का एक बड़ा भाग कृषि क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कार्य कर रहा है, जो कि एक अल्पविकसित अर्थव्यवस्था की निशानी है। क्योंकि दुनिया के दूसरे देशों के इतिहास और व्यवसायिक संरचना पर अगर नजर डालें तो पता चलता है कि जिन देशों में जनसंख्या का अधिक भाग कृषि क्षेत्र में कार्य करता है तो वह देश उतना ही अधिक पिछड़ा हुआ देश है। भारतवर्ष की मुख्य समस्या यह है कि हमारी जनसंख्या का आकार बहुत बड़ा है।
एक तो बहुत अधिक जनसंख्या दूसरे ऊंची जन्म दर परिणाम स्वरूप जनसंख्या आज बहुत तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास तथा कुछ अन्य कारणों से मृत्यु दर में भारी गिरावट दर्ज की गई है जबकि जन्म दर में इतनी अधिक गिरावट दर्ज नहीं हुई है । आज भारत वर्ष में जितने बच्चे एक वर्ष में जन्म लेते हैं उतनी एक पूरे ऑस्ट्रेलिया देश की जनसंख्या है। जहां तक जनसंख्या के आकार का संबंध है भारत का चीन के बाद दुनिया में दूसरा स्थान है। जनसंख्या वृद्धि की यह दर अगर इसी तरह जारी रही तो जल्दी ही हम चीन को भी पीछे छोड़ देंगे। क्योंकि चीन की जनसंख्या की वृद्धि दर हम से कम है । आज भारत दुनिया की लगभग 17% जनसंख्या का 2.4% क्षेत्रफल पर पालन पोषण कर रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एक बहुत बड़ी बाधा पूंजी की कमी है। एक तो यहां पूंजी की कमी है, दूसरे पूंजी निर्माण की दर भी बहुत कम है क्योंकि आय का अधिकतर भाग उपभोक्ता वस्तुओं पर खर्च किया जाता है । जनसंख्या का आकार बहुत बड़ा है परिणाम स्वरूप औद्योगिक विकास की गति धीमी पड़ जाती है । जिसका एक बड़ा कारण प्रौद्योगिकी का पिछड़ापन भी है।
ऐसा नहीं है कि भारत एक गरीब देश है मेरी नजर में भारत एक अमीर देश है जहां गरीब लोग वास करते हैं क्योंकि भारत के प्राकृतिक साधनों का एक बड़ा भाग ऐसा है जिस का अभी उपयोग नहीं हो पाया है। असंतुलित आहार जिसमें कम कैलोरी और प्रोटीन होता है अधिकतर भारतीयों को नसीब हो रहा है। गरीबी कमजोर स्वास्थ्य और अनपढ़ता के कारण जनसंख्या का एक बड़ा भाग आज भी आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। एक अनुमान के अनुसार लगभग 17% लोग गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं । अंत में मुझे पाठकों से यह कहना है कि भारत एक अल्पविकसित अर्थव्यवस्था है जिसका बड़ा कारण अंग्रेजों की दोषपूर्ण नीति थी। लेकिन आज यह तेजी से विकास करती हुई अर्थव्यवस्था है। हम उम्मीद करते हैं कि जल्दी ही भारत दुनिया के उन चंद विकसित देशों की सूची में शुमार होगा जैसा कि पूर्व में इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था।