आदर्श हिमाचल ब्यूरो
वाशिंगटन / जयपुर। हाल ही में भारतीय मूल की आकांक्षा अरोड़ा ने यूनाइटेड नेशंस में महासचिव पद के लिए दावा पेश किया था, जिसके बाद सोसल मीडिया पर भारत से लगातार मिल रहे समर्थन के लिए आकांक्षा ने आज एक वीडियो शेयर कर भारत का धन्यवाद किया है. आकांक्षा ने कहा “नमस्ते इंडिया. मैं यूएन की सेक्रेटरी जनरल के इलेक्शन के लिए खड़ी हुई हूं. मैं पहली युवा और महिला कैंडिडेट हूं इस इलेक्शन के लिए. यूएन की 75 साल की हिस्ट्री में कोई भी महिला सेक्रेटरी जनरल नहीं रही, उम्मीद है इस साल हम पहली महिला सेक्रेटरी जनरल देखेंगे. और युवाओं ने इतना योगदान दिया है हर क्षेत्र में, और इस बार हम यूएन को भी दिखा सकेंगे की युवा पीढ़ी क्या-क्या कर सकती है।
जब से मैंने अपनी कैंडीडेसी अलाउंस की है तब से, भारत से बहुत ज्यादा समर्थन और प्यार मिला है, उसके लिए धन्यवाद.
और मुझे उम्मीद है कि मैं भारतवासियों को प्राउड कर सकूं। एक मुद्दा जो मेरे लिए बहुत जरूरी है वह है क्लाइमेट एक्शन और इन्वेस्टिंग नेचर बेस्ट सॉल्यूशन, क्रिएटिंग इको फ्रेंडली जॉब्स। यह दोनों मेरे लिए बहुत ही जरूरी है, ऐसे में श्री कल्पतरू संस्थान और ट्री मैन ऑफ इंडिया विष्णु लाम्बा जी ने बहुत ही अच्छा काम किया है, मैं उन्हें मुबारकबाद देना चाहती थी उनके काम के लिए, उन्होंने इतने लाखों पेड़ लगाएं हैं. जिससे हम सबका भला हो रहा है. धन्यवाद, अपना अच्छा काम लगातार करते रहें और और मुझे उम्मीद है कि इस इलेक्शन में मैं आपका सपोर्ट काउंट कर सकूं और इकट्ठे हम नेचर बेस्ट सॉल्यूशन ओर इको फ्रेंडली जॉब्स क्रिएट कर सकें. धन्यवाद।”
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34 साल की आकांक्षा यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) में ऑडिट कोऑर्डिनेटर के पद पर हैं। वह पहली उम्मीदवार हैं, जिन्होंने UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के खिलाफ दावेदारी का ऐलान किया है। गुटेरेस पहले ही अपने दूसरे कार्यकाल के लिए उम्मीदवारी की घोषणा कर चुके है। ट्री मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर पर्यावरणविद विष्णु लाम्बा मूलतः राजस्थान के टोंक जिले के रहने वाले है. वे जमीनी स्तर के सार्थक बदलावों के लिए वैश्विक मंच पर खांसी पहचान रखते हैं। लाम्बा ने श्री कल्पतरू संस्थान के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण पर काम करने वाले युवाओं की बहुत बड़ी फौज तैयार की है, जो अपने अद्वितीय नवाचारों से मानवता की सेवा में जुटी है।
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के प्रमुख रहे एरिक सोलहेम ने भी कई बार सार्वजनिक रूप से उनके कार्यों की सराहना की है। अंतर्राष्ट्रीय प्रसारक डीडब्ल्यू जर्मन ने उन पर डॉक्यूमेंट्री बनाकर विश्व को उनके प्रयासों से अवगत कराया है. ट्री मैन ऑफ इंडिया का टाइटल देने वाले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी उनके प्रयासों से बहुत प्रभावित थे। आज जयपुर में पत्रकारों से रूबरू होते हुए आकांक्षा अरोड़ा के महासचिव पद की दावेदारी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में लाम्बा ने कहा कि 75 सालों के इतिहास में कभी भी किसी युवा और महिला को सेक्रेटरी जनरल का नेतृत्व नहीं सौंपा जाना सोचने पर मजबूर करता है। महिला सशक्तिकरण की बात सब करते हैं लेकिन मातृशक्ति को सम्मानजनक अवसर देने के मामले में जिम्मेदार खामोश दिखाई देते हैं।
भारत की बेटी ने पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर समर्थन की इच्छा व्यक्त की है, ऐसे में मेरा मानना है कि इससे बड़ी प्रसन्नता की बात नहीं हो सकती कि भारत की बेटी विश्व का नेतृत्व करें और लोक कल्याण में सहभागी हो। मैं आकांक्षा के उज्जवल भविष्य और अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएं देता हूं और अन्य लोगों सरकारों और संस्थाओं से भी आग्रह करता हूं कि भारत की बेटी का कंधा मजबूत करें। वर्तमान दौर में यह अत्यंत आवश्यक हो गया कि एयरकंडीशन कमरों से बैठकों का संचालन करके ज्ञान बांटना व धन का अनावश्यक खर्च बंद हो और जमीनी स्तर पर कार्य शुरू हो. इको फ्रेंडली रोजगार के माध्यम से बेरोजगारी से निजात दिलाने और जमीनी स्तर के कार्य को महत्व देने जैसी आकांक्षा की बातें एक उम्मीद पैदा करती है।
आकांक्षा ने 9 फरवरी को अपना पहला ढाई मिनट का एक कैंपेन वीडियो शेयर किया था। इसमें वह कह रही थी कि मेरे साथ के लोग इस तरह के पद के लिए दावेदारी नहीं करते हैं। हम अपनी बारी का इंतजार करते हैं। कुछ पाना नहीं चाहते। काम पर जाते हैं। अपना सिर झुकाते हैं, और दुनिया के तौर-तरीकों को ही अपना लेते हैं। आज आकांक्षा ने फिर से एक वीडियो शेयर कर ट्री मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता और प्रबल प्रवक्ता माने जाने वाले विष्णु लाम्बा को संबोधित करते हुए भारत का धन्यवाद किया और उनसे समर्थन मांगा है। पहले के वीडियो में आकांक्षा UN हेडक्वार्टर के अंदर दिखाई दे रही हैं। इस वीडियो में वह अपने घर में दिखाई दे रही है जहां उनके पीछे दीवार पर लगी शेर पर सवार दुर्गा माता की तस्वीर दिख रही है, जिसे भारत में खूब सराहा जा रहा है।
पहले के वीडियो में वह कह रही थी कि उनसे पहले जो लोग आए हैं, वह सभी UN की जवाबदेही को लेकर नाकाम रहे हैं। 75 साल हो गए, लेकिन दुनिया से किए वादे UN ने पूरे नहीं किए। रिफ्यूजी सुरक्षित नहीं हैं। मानवीय सहायता पर्याप्त नहीं है। इनोवेशन और तकनीक भी पुराने हो गए हैं। हम एक प्रगतिशील UN चाहते हैं। इसलिए मैंने इस पद के लिए दावेदारी की है। आकांक्षा ने कहा कि UN को नेताओं की सेवा करने के बजाय लोगों की सेवा करना होगा। यह नए UN का समय है। कोई भी काम नामुमकिन नहीं है।
आकांक्षा अरोरा ने #Aroraforsg हैशटैग के साथ सोसल मीडिया पर केंपेन भी शुरू किया है।
आकांक्षा अरोड़ा का जन्म भारत में हुआ था। उनके पास भारत और कनाडा की नागरिकता है। उन्होंने टोरंटो की यॉर्क यूनिवर्सिटी से एडमिनिस्ट्रेटिव स्टडी से ग्रेजुएशन किया। कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर किया। UN में उनका काम फाइनेंशियल रूल्स और रेगुलेशन बनाना है। उनके पास UNDP इंटरनल और एक्सट्रनल ऑडिट की देखरेख की जिम्मेदारी भी है।
UN चीफ का कार्यकाल 5 साल का होता है। 31 दिसंबर 2021 को अभी के जनरल सेक्रेटरी एंटोनियो गुटेरेस का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। 1 जनवरी 2017 को वह UN के 9वें महासचिव बने थे। 75 साल के इतिहास में अब तक एक भी महिला UN सेक्रेटरी के पद पर नहीं रही है।
आकांक्षा की दावेदारी पर जनरल सेक्रेटरी के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कुछ नहीं कहा है। उन्होंने बताया कि सिक्योरिटी काउंसिल की सिफारिश पर जनरल असेंबली जनरल सेक्रेटरी को अपॉइंट करती है। वहीं, UN जनरल असेंबली के प्रेसिडेंट वोल्कन बोजकीर के प्रवक्ता ब्रेंडन वार्मा ने आकांक्षा के दावे पर कहा कि इस मसले पर अब तक औपचारिक चर्चा नहीं हुई है.