भारत के 88 हवाई अड्डे पूरी तरह हरित, विमानन क्षेत्र में स्थिरता की ओर बड़ा कदम

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

नई दिल्ली। भारत के विमानन क्षेत्र में ईंधन दक्षता और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एसएएफ (टिकाऊ विमानन ईंधन) व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट जारी की है। डीजीसीए महानिदेशक ने बताया कि भारत विमान बेड़ों में से एक सबसे ईंधन-कुशल बेड़े का संचालन करता है और देश के 88 हवाई अड्डे पहले ही 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं, जिससे वैश्विक मानकों पर नया उदाहरण स्थापित हुआ है।

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार है, जहां 2030 तक यात्री यातायात दोगुना होकर 500 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, यह तेजी से बढ़ते विमानन क्षेत्र में टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने के लिए एसएएफ नीति ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है। एसएएफ व्यवहार्यता रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय की टिकाऊ विमानन ईंधन उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का एक अहम हिस्सा है। इसमें ऊर्जा फसलों, कृषि अपशिष्ट और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट जैसे कम कार्बन-तीव्रता वाले स्रोतों से एसएएफ उत्पादन की संभावनाओं को रेखांकित किया गया है। इसके माध्यम से भारत को वैश्विक स्तर पर टिकाऊ विमानन ईंधन उत्पादन में अग्रणी बनने की अपार संभावनाएं हैं। यह पहल भारतीय विमानन क्षेत्र को पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए मार्ग पर ले जाने का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।