प्रधानमंत्री की प्रेरणा से बीएसएफ में शामिल हुईं स्वदेशी श्वान नस्लें

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से अनुप्राणित होकर सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने स्वदेशी श्वान नस्लों रामपुर हाउंड और मुधोल हाउंड को बल में सम्मिलित कर एक ऐतिहासिक पहल की है। यह कदम आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी गौरव और भारतीय विरासत के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है। रामपुर हाउंड, उत्तर प्रदेश के रामपुर रियासत से संबंधित है और इसे नवाबों द्वारा गीदड़ों तथा अन्य बड़े शिकारों के लिए विकसित किया गया था। यह नस्ल अपनी गति, सहनशक्ति और निर्भीकता के लिए जानी जाती है और वहीं मुधोल हाउंड, दक्कन के पठार की मूल नस्ल है, जो पारंपरिक रूप से शिकार और सुरक्षा कार्यों में प्रयुक्त होती रही है। इसका संरक्षण मराठा सेनाओं से जुड़े राजा मलोजीराव घोरपड़े ने किया था, जिन्होंने इसे ब्रिटिश अधिकारियों के समक्ष “Caravan Hound” के रूप में प्रस्तुत किया।

इन भारतीय नस्लों की प्रमुख विशेषताएं हैं, उच्च फुर्ती, सहनशक्ति, अनुकूलनशीलता, रोग प्रतिरोधक क्षमता और न्यूनतम देखभाल की आवश्यकता है। इन्हीं गुणों के चलते ये श्वान भारत के विविध जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों में विशेष रूप से प्रभावी सिद्ध हो रहे हैं। बीएसएफ ने टेकनपुर स्थित राष्ट्रीय श्वान प्रशिक्षण केंद्र (NTCD) में इन नस्लों के प्रशिक्षण और प्रजनन की व्यवस्था की है। यह पहल अब क्षेत्रीय K9 केंद्रों तक विस्तारित हो चुकी है, जिससे भारतीय नस्लों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और वर्तमान में 150 से अधिक भारतीय नस्लों के श्वान पश्चिमी व पूर्वी सीमाओं सहित नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। इस पहल की सफलता का प्रमाण अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट 2024 (लखनऊ) में मिला, जहां बीएसएफ की मुधोल हाउंड ‘रिया’ ने सर्वश्रेष्ठ ट्रैकर ट्रेड श्वान और ‘डॉग ऑफ द मीट’ का खिताब जीता और यह पहला अवसर था जब किसी भारतीय नस्ल ने 116 विदेशी नस्लों को पछाड़कर यह सम्मान प्राप्त किया।

इस दौरान आगामी राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में, जो एकता नगर (गुजरात) में आयोजित होगी, केवल भारतीय नस्लों के श्वानों की एक विशेष टुकड़ी बीएसएफ का प्रतिनिधित्व करेगी। इस अवसर पर एक विशेष श्वान प्रदर्शन भी होगा, जिसमें इनकी सामरिक कुशलताओं और परिचालन क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा, यह आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी भारत की K9 शक्ति का प्रतीक होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2018 में टेकनपुर स्थित बीएसएफ के NTCD का दौरा किया था और भारतीय नस्लों के श्वानों को सुरक्षा बलों में प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया था और बाद में 30 अगस्त 2020 को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उन्होंने भारतीय नस्लों को अपनाने और प्रोत्साहित करने का आह्वान किया था, जिससे ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को नई दिशा मिली। भारतीय नस्लों के श्वानों का बीएसएफ में समावेश न केवल परंपरा और विरासत का पुनर्जागरण है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में देश की नई शक्ति और स्वाभिमान का सशक्त प्रतीक भी है।