BIS के मानक महोत्सव में उद्योग, छात्र और जनप्रतिनिधियों ने दिखाई एकजुटता

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

पांवटा साहिब| विश्व मानक दिवस 2025 के अवसर पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), देहरादून शाखा द्वारा पांवटा साहिब में “मानक महोत्सव” का आयोजन किया गया, स्थानीय होटल में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों, स्वर्णकारों, स्कूली छात्रों, सरकारी अधिकारियों और आम नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी ने संबोधन में कहा कि हर उत्पाद को तय मानकों के अनुरूप बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता ही उपभोक्ता विश्वास का आधार है और यही उद्योगों को दीर्घकालिक सफलता दिला सकती है, उन्होंने सभी हितधारकों से सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु समन्वित प्रयास करने का आह्वान किया।

इस दौरान BIS देहरादून शाखा के निदेशक सौरभ तिवारी ने इस वर्ष की थीम “साझेदारी से लक्ष्यों की प्राप्ति (SDG-17)” पर प्रकाश डालते हुए बताया कि BIS हितधारकों के साथ मिलकर सामूहिक भागीदारी के माध्यम से गुणवत्ता और मानकों को जन जन तक पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि “बिना मानकों के जीवन असंगठित होता है, और BIS का उद्देश्य जीवन को सुगठित व संरचित बनाना है। नगर परिषद अध्यक्ष निर्मल कौर ने कहा कि मानक केवल तकनीकी आवश्यकता नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता का आधार हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कोई भी उत्पाद खरीदते समय BIS मार्क (ISI) की जांच अवश्य करें। हिमालयन चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष अरुण गोयल ने उद्योगों से अपील की कि वे स्वेच्छा से BIS मानकों को अपनाएं, ताकि उनके उत्पाद वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सकें, उन्होंने ISI मार्क को उपभोक्ता विश्वास का प्रतीक बताया है।

इस कार्यक्रम में सिरमौर जिले के विभिन्न स्कूलों से आए स्टैंडर्ड क्लब के छात्रों ने मानक गीत, स्किट, और स्थानीय नाटी नृत्य की प्रस्तुतियां दीं, जिन्होंने दर्शकों को खूब प्रभावित किया और साथ ही मानक संवर्द्धन में उत्कृष्ट योगदान देने वाले मेंटर्स, उद्योग प्रतिनिधियों, ज्वैलर्स और रिसोर्स पर्सन को सम्मानित भी किया गया। तकनीकी सत्र में ब्लू स्टार लिमिटेड, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और गोल्ड प्लस ग्लास इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने अपने अपने संस्थानों में सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को लागू करने के प्रयासों को साझा किया, उन्होंने प्रतिभागियों को भी इन पहलों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल मानकों की जानकारी देना नहीं था, बल्कि समाज, उद्योग और उपभोक्ताओं के बीच सहयोग की भावना को सुदृढ़ करना था, जिससे गुणवत्तापूर्ण और टिकाऊ विकास की दिशा में सार्थक प्रगति सुनिश्चित हो सके।