आदर्श हिमाचल ब्यूरो
रोहड़ू। राजकीय फार्मेसी महाविद्यालय रोहड़ू के सहायक प्रोफेसर, डॉ. कुशल कुमार बंसल और उनके सहयोगी टीम के साथी डॉ प्रबोध चंदर शर्मा, डॉ राकेश पाहवा, डॉ अर्चना शर्मा, डॉ विशाल और दीक्षा शर्मा को नवाचार पेटेंट अनुदान हुआ है।
नवाचार पेटेंट जो की दिनांक 25 अगस्त 2021 से पहले दायर किए गए थे, वो उनकी समाप्ति जो की 8 बर्ष की अवधि तक मान्य रहेंगे।
एक नवोन्मेष पेटेंट तभी कानूनी रूप से लागू करने योग्य है यदि इसकी आईपी ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा जांच की गई हो, और पेटेंट अधिनियम 1990 की आवश्यकताओं को पूरा करने के योग्य पाया गया हो, और प्रमाणित किया गया हो। ये अनुदान पेटेंट का आवेदन करने वाले को उसकी सहमति के बिना पेटेंट कराए गए उत्पाद बनाने, उपयोग करने, बेचने, आयात करने से अन्य व्यक्तियों को रोकेगा।
डॉ बंसल और सहयोगी साथियों ने डेवलपमेंट ऑफ़ थियाजोल बेस्ड हेट्रोसाइक्लिस एस ड्यूल एंटीइंफेक्टिव एंड साइटोटॉक्सिक एजेंट्स विषय पर पेटेंट दायर किया था जिसको ऑस्ट्रेलियन सरकार, आईपी ऑस्ट्रेलिया द्वारा अनुदान का प्रमाण पत्र दिया गया है। डॉ बंसल ने इसी वर्ष डॉ प्रबोध चंदर शर्मा जो की दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च विश्वविद्यालय में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर कार्यरत हैं।
उनके मार्गदर्शन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट ऑफ फिलॉस्फी (PhD) की डिग्री हासिल की है। डॉ बंसल ने अपने सहयोगियों और सुपरवाइजर डॉ प्रबोध चंदर शर्मा जी का उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। संस्थान के प्रधानाचार्य प्रोफेसर विवेक शर्मा ने इस उपलब्धि के लिए डॉ बंसल और उनके सहयोगी साथियों को बधाई दी।