सुन्नी बांध परियोजना से प्रभावित लोगों के हितों से नहीं होगा खिलवाड़ -सांसद प्रतिभा सिंह

बोले... इस परियोजना से लगभग 2700 परिवार हो रहे प्रभावित,  राजस्व अधिकारियों को नियुक्त करने की मांग  की 

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शिमला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा है कि सुन्नी बांध परियोजना से प्रभावित लोगों के हितों से खिलवाड़ नही होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी मांगों को कंपनी के साथ साथ प्रदेश सरकार के समक्ष भी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि बांध से प्रभावित किसी के साथ भी अन्याय नही होने दिया जाएगा। आज राजीव भवन में सुन्नी जल विद्युत परियोजना की जिला शिमला व मण्डी  जन चेतना जागरूकता सयुंक्त संघर्ष समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रतिभा सिंह ने कहा कि संघर्ष समिति के साथ जल्द ही एक और बैठक की जाएगी और इसमें पारित मांगो व प्रस्तावों को राज्य सरकार के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त वह जल्द ही इस क्षेत्र का दौरा भी करेंगी।

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बैठक में संघर्ष समिति ने कंपनी पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण के नियमों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि भूमि का मूल्य मुहाल की दर से दिया जा रहा है जो उन्हें कतई मंजूर नही है।  उन्होंने कहा कि इस परियोजना से लगभग 2700 परिवार प्रभावित हो रहें है  इसलिए उन्हें इस परियोजना में स्थाई रोजगार के साथ साथ उनकी जमीन का  बाजार भाव से भूमि का उचित मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने मांग की उनकी जमीन का अधिग्रहण फेक्टर 2 के प्रावधान के तहत मुआवजा निर्धारित किया जाना चाहिए। जो लोग पूरी तरह बेघर हो रहें है उन्हें जमीन के साथ साथ बड़ा घर बना कर दिया जाना चाहिये न कि  2 कमरें का घर।
बैठक में क्षेत्र के विकास के लिये लाडा को शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि इस परियोजना में कोई भी स्पष्टता नही है। इसमें न तो क्षेत्र में स्कूल,अस्पताल खोलने की  कोई कही गई  है और न ही प्रभावित पंचायतों में सड़क पुलों के निर्माण की कोई बात कही गई है।

बैठक में परियोजना निर्माण के लिये सेवा निवृत्त भू अधिग्रहण अधिकारियों की नियुक्ति पर भी रोष व्यक्त करते हुए संघर्ष समिति ने इन अधिकारियों की जगह स्थाई राजस्व अधिकारियों को नियुक्त करने की मांग की।  उन्होंने इन अधिकारियों की सेवाएं तुरंत खत्म करने या उन्हें यहां से इन पदों से हटाने की मांग की । समिति ने आरोप लगाया कि यह अधिकारी कंपनी के दबाव में प्रभावित परिवारों की समस्याओं को अनदेखा कर रहें है।