शूलिनी विश्वविद्यालय में एआई और विधि पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

सोलन। शूलिनी विश्वविद्यालय के विधि विज्ञान संकाय ने “कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में विधि के मौलिक परिप्रेक्ष्य” विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। यह कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया, जिसमें भारत भर के शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, कानूनी विशेषज्ञों और छात्रों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन का उद्घाटन कुलाधिपति प्रो. प्रेम कुमार खोसला ने किया। उन्होंने शासन और न्याय में एआई से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए नैतिक और कानूनी ढाँचे स्थापित करने के महत्व पर प्रकाश डाला और विधि एवं प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के प्रयासों की सराहना की गई।

इस सम्मेलन के संयोजक प्रो. (डॉ.) नंदन शर्मा और डॉ. रेनू पाल सूद ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य यह समझना है कि कैसे एआई पारंपरिक कानूनी सिद्धांतों और जवाबदेही की प्रणालियों को नया रूप दे रहा है। इस सम्मेलन का समन्वय केईएस जेपी लॉ कॉलेज, मुंबई की छात्र टीम और बहु विषयक लॉ फर्म आध्या लीगल, नई दिल्ली ने किया, इस सम्मेलन में चार तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें एआई और आपराधिक न्याय, एआई का कानूनी व्यक्तित्व, बौद्धिक संपदा अधिकार, डेटा गोपनीयता, साइबर सुरक्षा और मानवाधिकार जैसे विषयों पर 50 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। सत्रों की अध्यक्षता और सह-अध्यक्षता में प्रोफेसर विरल दवे, प्रोफेसर संजय सिंधु, प्रोफेसर रूना मेहता, प्रोफेसर तारिक मोहम्मद, डॉ. गीतिका सूद, डॉ. साशा चौहान, डॉ. बिंदु सांगरा और डॉ. नमिता राणा शामिल रहे।

इस दौरान सम्मेलन के समापन सत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए और सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार यूनाइटेड यूनिवर्सिटी, प्रयागराज के असीम श्रीवास्तव और जयलक्ष्मी शुक्ला को मिला, जबकि सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति पुरस्कार क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, दिल्ली एनसीआर के शिवम यादव को प्रदान किया गया और सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र दिए गए और चयनित शोधपत्रों को आईएसबीएन पंजीकरण के साथ एक संपादित संस्करण में प्रकाशित किया जाएगा।समापन भाषण में प्रो. नंदन शर्मा ने सभी संकाय सदस्यों, छात्र समन्वयकों और विशेष रूप से डॉ. विरल दवे को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और महावीर मांडोत व प्रिया कश्यप के समर्पित प्रयासों की सराहना की गई।