आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला| हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते उत्पन्न आपदा स्थिति की समीक्षा हेतु आज शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने उच्च और स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राज्य भर में भारी बारिश से हुए नुकसान और इससे प्रभावित शैक्षणिक व्यवस्था पर व्यापक चर्चा हुई। मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि बीते कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन, पेड़ों के गिरने, सड़क अवरोध, तथा शैक्षणिक संस्थानों सहित अन्य बुनियादी ढांचे को गंभीर क्षति पहुंची है और अब तक 743 स्कूल और कॉलेज प्रभावित हुए हैं और 50 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान सामने आया है।
इसी तरह मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज एवं डाइट 7 सितंबर 2025 तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इस अवधि में शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मियों को भी संस्थान आने से छूट दी गई है, इन संस्थानों के प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि जहां संभव हो, ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएं और विद्यालय परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इस बैठक में शिक्षा मंत्री ने आपदा पश्चात् आवश्यकता मूल्यांकन (PDNA) के तहत प्राप्त धनराशि का सदुपयोग करने और 75 प्रतिशत से अधिक क्षति वाले संस्थानों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण मरम्मत और भौतिक निगरानी पर भी विशेष जोर दिया।
इस बैठक के दौरान 5 सितंबर को प्रस्तावित शिक्षक दिवस समारोह की तैयारियों की भी समीक्षा की गई और समारोह में उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा और प्रशंसा प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाएंगे। वहीं 8 सितंबर को आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस को लेकर भी चर्चा हुई, मंत्री ने कहा कि इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश को संपूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया जाएगा जो कि राज्य सरकार की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता, शिक्षकों की मेहनत और समुदाय की भागीदारी का प्रमाण है, यदि मौसम प्रतिकूल रहा तो समारोह प्रतीकात्मक रूप से आयोजित किया जाएगा।
इस बैठक में स्कूल व कॉलेज संवर्गों की पदोन्नति, राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल, अटल आदर्श विद्यालय, तथा नए विषयों जैसे ललित कला, मनोविज्ञान, लोक प्रशासन और बागवानी को व्यावसायिक विषय के रूप में शामिल करने संबंधी निर्णय भी लिए गए। मंत्री ने शिक्षकों के स्थानांतरण और प्रतिनियुक्ति केवल आवश्यकता के आधार पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित न हों और साथ ही प्रतिनियुक्त शिक्षकों की विस्तृत सूची तैयार करने को भी कहा गया। खेल छात्रावासों की समीक्षा करते हुए अधिक प्रशिक्षकों की भर्ती की संभावनाएं तलाशने के निर्देश भी दिए गए। मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं, उन्हें सुनियोजित प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
इस बैठक में लंबित पदोन्नति मामलों की भी समीक्षा की गई और साथ ही अधिकारियों ने जानकारी दी कि महाविद्यालय प्रधानाचार्य संवर्ग की डीपीसी बैठक 4 सितंबर को आयोजित की गई है तथा अन्य प्रक्रियाएं भी शीघ्र प्रारंभ की जाएंगी। अंत में शिक्षा मंत्री ने विश्वास जताया कि शिक्षा विभाग अपने समर्पण और प्रतिबद्धता से हिमाचल प्रदेश को देश के शीर्ष शिक्षण राज्यों में शामिल करने के लक्ष्य की ओर अग्रसर रहेगा। इस बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंवर, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत के. शर्मा, स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, परियोजना निदेशक राजेश शर्मा सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।