आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। राजधानी शिमला में बुधवार को फैडरेशन आफ हिमाचल होटल एण्ड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशंस की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक मैं होटल इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई। होटल तथा रेस्टोरेंट्स में शराब की बार घाटे का सौदा हो गया है। इसका मुख्य कारण बार लाइसेंस की बहुत अधिक फीस तथा उपर से उच्च निर्धारित कोटे की शर्त होना है। बार मैं सेल हो न हो एक निर्धारित शराब का कोटा बार संचालक को उठाना ही पड़ता है जिसके कारण होटलों में बार घाटे का सौदा बन गया है। होटल की बार की सेल केवल होटल मैं ठहरे गेस्ट्स के उपर ही आधारित है। आम पब्लिक सेफ्टी के मध्य नजर ड्रिंक एंड ड्राइव पर पाबंदी है।इसी कारण होटलों मैं बार की सेल लोकल पब्लिक से न के बराबर ही होती है। फैडरेशन के अध्यक्ष गजेंद्र ठाकुर ने कहा की होटल और रेस्टोरेंट में सथित बार की लाइसेंस फीस को कम करने की आवश्कता है तथा इसी के साथ फिक्स्ड कोटा की शर्त को खत्म करने की आवश्कता है। इसी प्रकार बार लाइसेंस की विभिन्न श्रेणियां बनानी चाहिए ताकि होटलों मैं बार को वाइबल किया जा सके।
ए ) ग्रामीण क्षेत्रों में साथित होटलों मैं बार की लाइसेंस फीस बहुत कम होनी चाहिए।
बी)बीयर बार लाइसेंस की फीस बहुत नॉमिनल होनी चाहिए।
सी )बार लाइसेंस सीजनल बेस पर भी उपलब्ध होना चाहिए। इन सभी पर नियमित कोटे की शर्त नहीं होनी चाहिए। बैठक मैं यह भी फैसला लिया गया की होटलों के टूरिज्म विभाग द्वारा हर तीन साल की बजाए हर पांच साल के बाद लाइसेंस रीन्यू होने का पप्रावधान होना चाहिए । होटलों का एफएसएसएआई( FSSAI ), लेबर तथा पॉल्यूशन की रीन्यूवल हर पांच साल के बाद होती है इसी की तर्ज पर टूरिज्म के लाईसेंस भी पांच वर्ष के बाद रिन्यू होने चाहिए।टूरिज्म इंडस्ट्री पहले ही स्ट्रेस मे है और Covid महामारी के बाद उबरने का प्रयास कर रही है।
टूरिज्म सेक्टर कोविड के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। सरकार को पर्यटन इकाइयों को रिवाइवल के लिए भारत के प्रमुख शहरों मे होने वाले टूरिज्म ट्रेड फेयर की स्टॉल की फीस को मौजूदा 30000 रुपये से घटा कर काम से काम आगामी दो वर्षों तक 10000 रुपए करना चाहिए तथा पर्यटन से जुड़े यंग वायसायियों को मात्र 5000 रूपए में स्टॉल उपलब्ध करवाना चाहिए ताकि होटल तथा अन्य पर्यटन से जुडे़ व्यवसाई अपनी प्रमोशन कर अपने होटलों की बुकिंग्स उपलब्ध कर सके। इसी प्रकार हिमाचल की सभी होटल एसोसिएशंस को मुफ्त मैं इन टूरिज्म फेयर्स मैं स्पेस उपलब्ध करवाना चाहिए ताकि हर डेस्टिनेशन की अपनी अपनी इन्फॉर्मेशन को डिस्प्ले कर पब्लिसिटी कर सकें। शीघ्र ही यह सुझाव सरकार को भेज दिया जाएगा ताकि आगामी बजट मैं इसका प्रावधान किया जा सके।