हमीरपुर: हमीरपुर में आयोजित जनमंच में एक गंभीर बीमारी गलती कर सामने आया और सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की गई। जनमंच के दौरान सुभाष कुमार धीमान ने विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार और पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के समक्ष आवाज उठाई और इस गंभीर बीमारी पर एक्शन लेने के लिए सरकार से अपील की।
सुभाष कुमार धीमान ने जनमंच में कहा कि इस गंभीर बीमारी से कई बच्चों की हो रही मौत से लोग परेशान है। उन्होंने इस बीमारी के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी चार प्रकार की होती है और अलग-अलग आयु वर्गों के लोगों में अलग-अलग गंभीरता से हो जाती है और इसमें मांसपेशी में कमज़ोरी आने जैसी समस्याओं से सामना करना पड़ता है।
एसएमए ज्यादातर छोटे बच्चों और बच्चों को बहुत कम उम्र में प्रभावित करता है। गंभीर प्रकार के एसएमए से प्रभावित नवजात बच्चे अपना पहला या दूसरा जन्मदिन देखने के लिए भी जीवित नहीं रहते। तो वहीं टाइप 2 और 3 वाले बच्चे किशोरावस्था तक ही जीते हैं और जो वयस्कता तक जी पाते हैं तो वे भी व्हीलचेयर तक ही सीमित हो जाते हैं। और रीढ़ की हड्डी के स्कोलियोसिस और खराब फेफड़ों जैसी दर्दनाक गुजरते हैं
हालांकि इस दिशा में दवाइयों का विकास भी हो रहा है रिसडिपलम भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण दवा है। इस दवा को DCGI ने अक्टूबर 2020 में प्रशिक्षण के बाद प्रीस्क्राइब किया और हाल ही में भारत में व्यावसायिक रूप से भी लॉन्च किया है। दवा की कीमत वजन और रोगी की उम्र पर निर्भर करती है। मगर यह गंभीर बीमारी है और कई लोग इस बीमारी से अपने नवजात बच्चों, शिशुओं को खो रहे है।
मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश के इस बीमारी के 6 बच्चे पीड़ित हैं तो पूरे भारतवर्ष के 850 बच्चे पीड़ित हैं। सुभाष कुमार धीमान ने हिमाचल और भारत के सभी बच्चों को बचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार के समक्ष बात रखी और दवा को इन बीमार बच्चों तक पहुंचाने की व्यवस्था बनाने की बात कही।
इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री धूमल और विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने भी आश्वासन दिया कि सरकार हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही इस गंभीर विषय को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बात पहुंचाने और मुख्यमंत्री से बात की भी बात कही। पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने आश्वासन दिया कि वे इस दिशा में हर संभव प्रयास करेंगे