कांगड़ा: ब्यास नदी में फंसे चंबा के दो भेड़पालकों को 403 भेड़-बकरियों सहित निकाला सुरक्षित

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ब्यास नदी में फंसे चंबा के दो भेड़पालकों को 403 भेड़-बकरियों सहित निकाला सुरक्षित
ब्यास नदी में फंसे चंबा के दो भेड़पालकों को 403 भेड़-बकरियों सहित निकाला सुरक्षित

 

जलस्तर अचानक बढ़ने पर फंसे, प्रशासनिक अधिकारियों सहित स्थानीय लोगों ने चलाया रेस्क्यू अभियान

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पुलिस थाना इंदौरा के तहत टांडा पत्तन में ब्यास में फंसे चंबा जिले से आए दो भेड़पालकों और 403 भेड़-बकरियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। गुरुवार को एसडीएम इंदौरा सोमिल गौतम, थाना इंदौरा प्रभारी सुरेंद्र धीमान, एनडीआरएफ टीम के निरीक्षक व उनकी टीम के 25 अधिकारियों व स्थानीय लोगों की सहायता से दोनों लोगों को भेड़-बकरियों को रेस्क्यू किया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन वीरवार दोपहर करीब 12 बजे तक चला। इंदौरा में बीते बुधवार को ब्यास नदी में अचानक जलस्तर के बढ़ने से चंबा के दो भेड़पालक करीब 403 भेड़-बकरियों के साथ एक टापू में फंस गए थे।

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सूचना मिलते ही एसडीएम सोमिल गौतम व पुलिस थाना प्रभारी सुरिंद्र सिंह धीमान मौके पर पहुंचे। नूरपुर स्थित एनडीआरएफ टीम को सूचित किया गया। एनडीआरएफ के निरीक्षक व 25 सदस्यीय टीम ने वीरवार दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। भेड़पालकों के एक अन्य साथी जन्म सिंह निवासी गांव चिचुल डाकघर सनवाल तहसील तीसा जिला चंबा ने बताया कि प्रेम सिंह, समीर खान, निवासी तीसा 403 भेड़-बकरियों को टापू पर चरा रहे थे। अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से वे फंस गए। उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों ने एकत्रित होकर इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही देर रात एसडीएम सोमिल गौतम पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। एनडीआरएफ टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों भेड़पालकों को निकाला और बाद में भेड़-बकरियों को निकालने के लिए अभियान शुरू हुआ।