मंडी: देश के पहले मतदाता एवं 105 वर्षीय मास्टर श्याम सरण नेगी की लोकतंत्र पर गहरी आस्था उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है, जो मतदान करने से आज भी कतराते हैं. शतकवीर श्याम सरण नेगी इस बार भी मंडी संसदीय हलके के उपचुनाव में मतदान करने को पूर्ण रूप से तैयार हैं.
इस पर जिलाधीश किन्नौर आबिद हुसैन का कहना है कि कुछ दिन पहले स्वयं श्याम सरण नेगी के घर जाकर उन्होंने उनका हाल-चाल जाना, इस दौरान जब उनसे उपचुनाव के बारे में बात की गई तो मास्टर श्याम सरण ने मतदान करने की बात कही. उन्होंने बताया कि चूंकि चुनाव एक रोज पहले घोषित हुए हैं, इसलिए एक बार फिर से उनसे मिलकर मतदान को लेकर उनकी राय जानी जाएगी और उनकी इस इच्छा को पूरा किया जाएगा.
आखिर क्यों कहा जाता है श्याम शरण नेगी को देश का पहला मतदाता ?
1 जुलाई 1917 को किन्नौर के कल्पा में जन्मे मास्टर श्याम शरण नेगी ने जब पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, उस समय वह बतौर अध्यापक सेवाएं दे रहे थे. उस दौरान उनकी ड्यूटी चुनाव में लगाई गई थी. भारत के आजाद होने के बाद पहला आम चुनाव फरवरी-मार्च 1952 में होने जा रहा था लेकिन किन्नौर में हिमपात की संभावना को देखते हुए 6 माह पहले ही मतदान करवा दिया गया था. उस मतदान के दौरान मास्टर श्याम शरण नेगी सुबह ही कल्पा बूथ पर पहुंचे और वोट डाला था, इसलिए श्याम शरण नेगी को देश का पहला वोटर कहा जाता है.