बधाल पंचायत में ग्रामीण महिलाओं को प्रदर्शनी के माध्यम से दिया गया पारंपरिक फसलों का ज्ञान

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विशेषर नेगी

रामपुर/शिमला।शिमला जिला के  रामपुर उपमंडल अंतर्गत बधाल पंचायत मुख्यालयमें पोषण दिवस के अवसर पर  पहाड़ी एवं पारम्परिक फसलों से बने व्यंजनों की प्रदर्शनी लगाई गई।  जिस में इन  व्यंजनों की पोष्टिकता के साथ  रोग
प्रतिरोधक  क्षमता बढ़ाने में कितने कारगर है बताया गया।  महिला एवं बाल
विकास विभाग हिमाचल प्रदेश आईसीडीएस रामपुर  के सौजन्य से लगाए  गए इस
शिविर में आशा वर्कर, आंगन वाड़ी वर्कर  व्  महिला मंडलो की  महिलाये
शामिल हुई। उन्हें पारम्परिक पहाड़ी अनाज से बने विभिन्न वयनजो की जानकारी
दी गई और बताया गया की अधिकतर फसले ऐसी है जो औषधीय गुणों से भी भरपूर
है।

महिलाओ ने इस दौरान प्रतिज्ञा भी ली की इस कोरोना काल में आम दूर
दराज लोगो तक सजगता लाने  के लिए पर्यटन  करेंगे और पारम्परिक वयनजो को
अधिक महत्व देंगे ।  लोगो को बताया जाएगाकि वे बाजारू जंक फ़ूड को त्याग
घरेलू उत्पादों को इस्तेमाल करे।  इस से लोग निरोग व्  स्वस्थ रहेंगे वही
रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी। ताकि  लोग कोरोना महामारी के इस दौर में
स्वस्थ रह सके ।

प्रदर्शनी  आयोजक  एवं पर्यवेक्षक ज्वाला देवी ने बताया की पोषण दिवस   मनाया जा रहा है।  इस में आस पास के  गाँव से आई महिलाओ को सजग किया  गया।  उन्हें बताया की कोरोना बहुत  तेजी से फ़ैल रहा है।  इस लिए बाहरी खान पान का इस्तेमाल कम करे ,अपने फसलों से बने पकवानो को ही तवजो दे। गाँव में लोगो को कोरोना से बचाव के टिप्स दे। महिला मंडल नैनी की सचिव शारदा ने बताया हम ने  लोकल अनाज   के पकवान बनाये और लोगो को बताया की किस व्यंजन में कौन से औषधीय गुण है और किस बीमारी के लिए लाभप्रद है।  कोरोना  से बचने के लिए बाजारू जंक फ़ूड का इस्तेमालन न  करे। बेवजह बाहर ना निकले। नीलम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता  ने बताया आज हम ने बधाल में पोषण दिवसमनाया।

इस दौरान लोगो को पारम्परिक व्यंजनों की प्रदर्शनी लगा कर बतायाकी क्यों न लोग बाजारू खाद्यानो से हट कर अपने पारम्परिक फसलों से बनेव्यंजनों को प्रयोग करे। इन में पोषक तत्व अधिक होने के साथ रोगप्रतिरोधक क्षमता भी अधिक रहती है।
प्रेम कुमारी  ने बताया की पंचायत मुख्यालय बधाल में  पारम्परिकव्यंजनों की प्रदर्शनी लगाई ताकि ग्रामीण लोगो तक संदेश पहुंचाए की  इसकोरोना काल में पारम्परिक व्यंजनों महत्व देना है क्योकि इन  में रोगप्रतिरोधक क्षमता अधिक  होती है।  इन में पौष्टिकता और औषधीय गुण  होतेहै।इस दौरान शपथ भी दिलाई की दैनिक भोजन में पारम्परिक उत्पादों से बने व्यंजनों को ले।