आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। पूरे देश में में कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है। महामारी के बीच जहां देशभर में लाेग इससे लड़ने के लिए जूझ रहे हैं। वहीं दूसरी और मरीजों के लिए काफी हद तक कारगर माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की 36 शीशियां कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल से गायब हो गईं। रेमडेसिविर की किल्लत के बीच इंजेक्शन गायब होने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इसके बाद कुछ देर तक प्रशासन इसकी जांच करता रहा। लेकिन जब कहीं कोई पता नहीं चला तो प्रशासन ने इसकी शिकायत पुलिस को की है।अचानक रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा के 36 इंजेक्शन गायब होने के बाद चर्चाएं तेज हैं।
इसके बाद अस्पताल में पुलिस पहुंची और इसकी छानबीन करनी आरंभ कर दी है। इस तरह अस्पताल से दवाएं गायब होने का यह पहला मामला सामने आया है। सरकार द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल में यह इंजेक्शन गंभीर मरीजों के इलाज के लिए भेजे गए हैं। इंजेक्शन गायब होने की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। कुल्लू पुलिस ने छानबीन करनी आरंभ कर दी है। बताया जा रहा है कि यह इंजेक्शन अस्पताल स्टाफ में ही किसी ने लिए हैं या किसी मरीज या तीमारदार ने उठाए हैं। लेकिन अभी तक इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
रेमडेसिविर क्या है और क्यों है जरूरी
रेमडेसिविर एक एंटी-वायरल दवा है, जो कथित तौर पर वायरस के बढ़ने को रोकती है। रेमडेसिविर का इस्तेमाल उसके बाद कोरोना वायरस के मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम के इलाज में किया गया है।