आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। एनएसयूआई द्वारा पीजी प्रवेश परीक्षाओं को करवाने के लिए विश्वविद्यालय में किये जा रहे लगातार प्रदर्शन को आज युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह ने अपना समर्थन दिया। इसी कड़ी में विधायक विक्रमादित्य सिंह व शिमला के कद्दावर नेता हरीश जनारथा आज एनएसयूआई के धरना प्रदर्शन में उपस्थित हुए।
विधायक विक्रमादित्य सिंह ने सभी छात्र संगठनों द्वारा प्रवेश परीक्षा की मांग को अपना समर्थन देते हुए विवि कुलपति व प्रशासन के नकारात्मक रवैये की निन्दा की। उन्होंने ये भी आरोप लगाए कि प्रशासन नागपुर और नाभा से चल रहा है। विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थानों में नियुक्तियों के दौरान पात्रता को दरकिनार कर आरएसएस की सिफारिशों पर नियुक्तियां ही नियुक्तियां हो रही है। युवा विधायक ने छात्रों पर प्रशासन द्वारा पुलिस बल व लाठियों का प्रयोग किये जाने और छात्रों पर पुलिस केस बनाये जाने को भी गलत ठहराया।
इसके बाद युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह और हरीश जनारथा ने एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर , प्रदेश संगठन महासचिव मनोज चौहान, विवि इकाई अध्यक्ष प्रवीण मिन्हास और प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ मिलकर विवि कुलपति को ज्ञापन सौंपा। कुलपति सिकंदर कुमार ने छात्रों की मांगों मानने व पीजी प्रवेश परीक्षा के फैसले बारे पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया। प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर ने कहा कि अगर अब भी कुलपति छात्रों की मांगें नहीं मानते तो ऐसे में एनएसयूआई को विवि परिसर से बाहर पूरे प्रदेशभर में इस आंदोलन को चलाने पर मजबूर होना पड़ेगा।
एक और बयान में प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर ने विवि के शिक्षक संघ हपुटा द्वारा दिये गए छात्र विरोधी बयानों की निंदा की है।
छत्तर ठाकुर ने कहा कि हपुटा के पदाधिकारी शिक्षण संस्थानों में हो रही धांधलियों के बारे में बोलने से तो डरते है लेकिन छात्र विरोधी कुलपति के इशारों पर उसके एजेंट के रूप में कार्य कर रहें हैं और हमेशा कुलपति के छात्र विरोधी निर्णयों के पक्ष में बयानबाज़ी करते नज़र आते हैं। प्रदेशभर के छात्रों की मांगों को लेकर एनएसयूआई जब सीएम आवास का घेराव कर सकती है तो वीसी के आवास का घेराव करना कोई बड़ा अपराध नहीं।