आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 के तहत स्थानीय स्तरीय समिति की बैठक बुधवार को उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में मानसिक मंदता, स्वलीनता, प्रमस्तिष्क विकृति और विविध विकलांगता से ग्रस्त दिव्यांगजनों को कानूनी संरक्षण प्रदान करने संबंधी मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस बैठक के दौरान उपायुक्त ने तीन दिव्यांगजनों को नए कानूनी संरक्षक नियुक्त करने की अनुमति प्रदान की, जबकि चार मामलों में पूर्व संरक्षकों के निधन के उपरांत नए कानूनी संरक्षकों की नियुक्ति को स्वीकृति दी गई। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने सभी तहसील कल्याण अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन मामलों में कानूनी संरक्षकों का आकस्मिक निधन हो गया है, वहां न्यूनतम समय में नई नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाए ताकि दिव्यांगजनों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि आगामी जिला स्तरीय बैठक से पूर्व सभी अधिकारी संरक्षक प्राप्त दिव्यांगजनों के घरों का औचक निरीक्षण करें और देखभाल की स्थिति संबंधी रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय को प्रेषित करें।
उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं और सुविधाओं का लाभ हर पात्र दिव्यांगजन तक पहुँचना चाहिए तथा उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन सजग और प्रतिबद्ध है। इस बैठक में जानकारी दी गई कि जिला शिमला में अब तक कुल 127 दिव्यांगजनों को कानूनी संरक्षक प्रदान किए जा चुके हैं। इनमें शिमला शहरी क्षेत्र में 38, ग्रामीण क्षेत्र में 11, ठियोग में 16, सुन्नी में 09, कुमारसैन में 10, कोटखाई में 08, चौपाल में 11, रोहड़ू में 06, जुब्बल में 05, चिड़गांव में 05, रामपुर में 04 तथा ननखड़ी में 04 मामले शामिल हैं। इस बैठक में जिला कल्याण अधिकारी कपिल शर्मा सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।