किन्नू में 1.38 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा मां चिंतपूर्णी का बागः डीसी

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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ऊनाः मां चिंतपूर्णी के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में मंदिर ट्रस्ट एक और कदम बढ़ाने जा रहा है। जालंधर-धर्मशाला एनएच पर चिंतपूर्णी मंदिर से लगभग 5 किमी दूर किन्नू में 1.38 करोड़ रुपए की लागत से माता का बाग बनाने की तैयारी शुरू हो गई है।

 

किन्नू में पेट्रोल पंप के पास लगभग 10 कनाल भूमि मंदिर ट्रस्ट के नाम पर है, जहां पर माता का बाग बनाया जाना प्रस्तावित है। इस बाग को धार्मिक दृष्टि से विकसित करने के साथ-साथ लोगों के लिए सुविधाएं जुटाने के दृष्टिगत विकसित किया जाना प्रस्तावित है। इस परियोजना की डीपीआर बन चुकी है और काम लोक निर्माण विभाग को सौंपा जा चुका है।

 

मंदिर आयुक्त एवं उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा “माता का बाग चिंतपूर्णी आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक सुविधा केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। किन्नू में एनएच किनारे मंदिर की भूमि है, जहां पर बच्चों के खेलने के लिए पार्क व झूले इत्यादि के साथ-साथ कैफेटेरिया, शौचालय व दुकानें तैयार की जाएंगी। इसके अलावा माता की चरण पादुकाएं व माता की प्रतिमा बाग में आकर्षण का मुख्य केंद्र बनेंगी। यहां पर माता का एक बड़ा झंडा भी स्थापित किया जाएगा। यहां पर एक बड़ी पार्किंग बनाई जाएगी तथा श्रद्धालुओं के लिए यह एक बेहतर सुविधा केंद्र बनेगा, जहां पर श्रद्धालु कुछ देर रुक कर आराम कर सकेंगे और यहां से प्राकृतिक नैसर्गिक सौंदर्य को निहार सकेंगे।”

 

1.38 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले माता के बाग के लिए धनराशि स्वीकृत हो चुकी है, जिसे लोक निर्माण विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है। इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए जल्द ही टेंडर कर दिए जाएंगे और निर्माण कार्य आरंभ हो जाएगा।

 

माता के बाग परियोजना के संदर्भ में अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग एच एल शर्मा ने कहा “बाग का डिजाइन तैयार कर लिया गया है। उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने डिजाइन में कुछ आवश्यक बदलाव करने के निर्देश दिए हैं, जिन्हें ठीक कर डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। एक या दो सप्ताह के भीतर डिजाइन फाइनल हो जाएगा तथा इसके बाद इस परियोजना का निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा, जिसे लगभग एक वर्ष के अंतराल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। माता का बाग श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्थान के रूप में विकसित किया जाएगा।”