आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। हिमाचल प्रदेश महिला विकास निगम के निदेशक मंडल ने आयोजित अपनी 51वीं बैठक में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में अहम निर्णय लेते हुए शिक्षा ऋण की सीमा को ₹75,000 से बढ़ाकर ₹3 लाख और स्वरोजगार ऋण की सीमा को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख करने की स्वीकृति प्रदान की है। यह बैठक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। डॉ. शांडिल ने कहा कि ऋण सीमा में की गई यह उल्लेखनीय वृद्धि अधिक से अधिक महिलाओं को निगम की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने राज्य में नियमित अंतराल पर जागरूकता शिविरों के आयोजन पर बल देते हुए कहा कि इन शिविरों के माध्यम से महिलाओं को निगम द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की जा सकेगी।
इसी तरह उन्होंने जानकारी दी कि निगम महिलाओं को शिक्षा के लिए 4 प्रतिशत और स्वरोजगार के लिए 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराता है,ऋण के लिए पात्र वही महिलाएं हैं जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹1 लाख से कम है। डॉ. शांडिल ने बताया कि 10 अप्रैल, 1989 को स्थापित इस निगम का उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण है। निगम ने अपनी स्थापना से अब तक 13,551 महिलाओं को लाभान्वित करते हुए ₹69.36 करोड़ से अधिक के ऋण वितरित किए हैं। इसके अतिरिक्त लाभार्थियों को ₹2.64 करोड़ से अधिक की ब्याज सब्सिडी भी प्रदान की गई है। इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित कार्य योजना, वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 के बैलेंस शीट सहित विभिन्न मुद्दों पर भी स्वीकृति प्रदान की गई, इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव आशीष सिंहमार सहित निगम के अन्य निदेशक मंडल सदस्य उपस्थित रहे।