मणिपुर: दो महिलाओं के साथ घृणित कृत्य, निर्वस्त्र कर घुमाया, महिलाएं लगा रही छोड़ने की गुहार

बदमाशों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज

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मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में तनाव
मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में तनाव

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

 

शिमला। मणिपुर इन दिनों जातीय हिंसा की चपेट में है, लेकिन अब एक वीडियो को लेकर मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में तनाव फैल गया है जिसमें दो महिलाओं को नग्न करके घुमाया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो चार मई का है और दोनों महिलाएं कुकी समुदाय से हैं, वहीं जो लोग महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं वो सभी मैतई समुदाय से हैं। आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

 

इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम के मुताबिक यह घटना  इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में 4 मई को हुई। वहीं इस मामले में पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार भी नहीं किया गया है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं जो रो रही हैं और उनसे छोड़ने की गुहार लगा रही हैं।

 

पुलिस ने बताया कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर में बड़े पैमाने पर भड़की हिंसा को 78 दिन, जबकि महिलाओं को नग्न करके घुमाने और कथित तौर पर दुष्कर्म की भयावह घटना को 77 दिन हो गए हैं। रमेश ने कहा कि अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए हुए दो महीने से ज्यादा हो गए हैं और अपराधी अभी भी पकड़ से बाहर हैं।

 सरकार का कहना है कि अभी मामले की जांच चल रही है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति इस मामले से जुड़ा सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर न करे।

वायरल वीडियो को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा था कि मणिपुर की स्थिति को लेकर भारत के विचारों पर हमला हो रहा है इंडिया चुप नहीं रहेगा। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया। भारत के विचारों पर हमले किए जा रहे हैं, इंडिया चुप नहीं रहेगा। हम मणिपुर की जनता के साथ है। हम उनके साथ खड़े हैं। शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।

 

 

मणिपुर में तीन मई से जातीय हिंसा भड़की हुई है। करीब ढाई महीने से जारी हिंसा में 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। जबकि, कई लोग घायल हैं। दरअसल, मेइतेई समुदाय अनुसूचित जनजाति (एसटी) की मांग कर रहा है, इस वजह से कुकी और मेइतेई समाज आपस में भिड़ गया है। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।