मनोहर हत्याकांड: शुरूआती जांच में हत्यारोपी के कब्जे से मुक्त करवाई 25 बीघा जमीन, अब तक विभिन्न खातों में मिले दस लाख रूपए

राजस्व विभाग करेगा हत्यारोपी के ऊंची पहाड़ी पर बने कच्चे मकान की जांच

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वन भूमि पर हत्यारोपियों के परिवार का घसानियों के तौर पर कब्जाई गई जमीन से बाड़बंदी हटाते वन विभाग के कर्मचारी
वन भूमि पर हत्यारोपियों के परिवार का घसानियों के तौर पर कब्जाई गई जमीन से बाड़बंदी हटाते वन विभाग के कर्मचारी

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

 

सलूणी/शिमला। हिमाचल का दिल दहला देने वाले मनोहर हत्याकांड में अब आरोपी परिवार के खिलाफ हत्या के साथ साथ कई तरह की जांच शुरू कर दी गई है। तमाम गंभीर आरोपों जिला प्रसासन ने तेजी से जांच शुरू कर दी है। इसी का नतीजा है कि सरकारी भूमि पर कब्जा करने की शिकायत के बाद वन विभाग ने जांच की तथा निशानदेही करवाई।

 

पूर्व शिक्षा मंत्री आशा कुमारी ने एसडीएम सलूणी को निर्देश दिए कि आरोपी की भूमि की निशानदेही तुरंत करें। इसके बाद तहसीलदार सलूणी विनोद कुमार, डीएफओ वन्य प्राणी चम्बा अमित शर्मा, डीएफओ सलूणी सुशील गुलेरिया, वन परिक्षेत्र अधिकारी वन प्राणी भांदल नरेंद्र कुमार, ग्रामीण राजस्व अधिकारी भांदल संघर्ष पठानिया, भांदल सर्कल कानूनगो जितेंद्र शर्मा व वन रक्षकों ने संयुक्त रूप से निशानदेही की, जिसमें पाया कि आरोपी ने 25 बीघा सरकारी भूमि पर कब्जा किया था। इसके बाद सरकारी भूमि पर बाड़बंदी को तुरंत हटाने के कर्मचारियों को निर्देश दिए और बाड़बंदी को हटा दिया है।

 

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खातों में अत्यधिक पैसों की जांच में हत्यारोपी के विभिन्न खातों में मिले दस लाख रूपए

 

आरोपी के खिलाफ हालांकि 100 बीघा सरकारी भूमि पर कब्जा करने के आरोप लगाए गए हैं तथा जांच के आरंभ में घासनी 25 बीघा पाई गई है। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन ने अधिक धन के आरोप में भी जांच शुरू कर दी है, जिसमें अब तक 10 लाख रुपए बैंक में खोले गए विभिन्न खातों में पाए गए हैं। बाकी के बैंक खातों की जांच करवाई जा रही है। अमित शर्मा, डीएफओ वन्य प्राणी चम्बा ने बताया कि वन विभाग की घासनी की जमीन पर शरीफ ने कब्जा किया था, उस बाड़बंदी को उखाड़ दिया है। वन विभाग के फील्ड स्टाफ को कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि अब दोबारा यहां घासनी में बाड़बंदी न हो पाए।