मनोहर हत्याकांड: मां बोली, नहीं रह सकती बेटे के बगैर, हत्या करने वाले पूरे परिवार को दो फांसी

पिता बोले, जहां से गायब हुआ मनोहर, भूखी प्यासी खड़ी मिली खच्चरें, हो गया था अनहोनी का आभास

मृतक मनोहर की मां झौजी देवी
मृतक मनोहर की मां झौजी देवी

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

 

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शिमला/चंबा। अपने बेटे के शरीर के सात टुकड़े देखने वाले मनोहर के माता-पिता आज भी बदहवास हैं। उन्हें अब भी यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि जिस पड़ोसी ने मनोहर के जन्म से लेकर उसे बड़ा होते देखा, जिस पड़ोसी को पता था कि ये तीन भाईयों का इकलौता भाई व अपने माता पिता के बुढ़ापे का आखिरी सहारा है, उसे उसी प़ड़ोसी ने न केवल मौत के घाट उतार दिया बल्कि ऐसी दर्दनाक मौत दी कि सुनने-देखने वाले की रूह कांप गई। मनोहर की मौत ने न केवल हिमाचल की शांत वादियों में सनसनी फैला दी बल्कि आज देशभर में हिमाचल को लेकर एक चर्चा का विषय भी बना दिया।

 

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मनोहर की मौत ने न केवल हिमाचल जैसे शांत राज्य में आंतकियों के कनेक्शन की तरफ इशारा किया बल्कि धीरे-धीरे यहां की शांत वादियों में घुल रहे जहर को भी सबके सामने लाकर रख दिया है। इकलौते बेटे को खोने वाले मनोहर के माता-पिता ने हत्यारोपी पूरे परिवार को फांसी की सजा देने की गुहार लगाई है। मनोहर के पिता रामू और माता ने बताया कि जिस जगह मनोहर गया था, वहीं उसकी खच्चरें मिलीं। इससे उन्हें कुछ अनहोनी होने का आभास हुआ। बताया कि 4 जून की रात को मनोहर को उसके चाचा के लड़के ने सामान ढुलाई करने के लिए फोन किया था और अगली सुबह पहुंचने की बात कही थी।

 

5 जून को मनोहर सुबह खच्चरों के साथ रवाना हुआ। सुबह 6:30 बजे उसके पिता ने उसे फोन कर काम से जल्द घर लौटकर खेतों में मक्की की गुड़ाई करने की बात कही। लेकिन, सुबह आठ बजे अचानक उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया। पूरा दिन मोबाइल बंद रहने के बाद देर शाम जब मनोहर घर नहीं पहुंचा तो उन्होंने उसके चाचा को फोन कर मनोहर के बारे में पूछा। चाचा ने बताया कि मनोहर उनके पास भी नहीं पहुंचा। उन्होंने अपने स्तर पर मनोहर की तलाश की। अधवारी के पास उसकी खच्चरें मिलीं। वहां लोगों से पता किया तो उन्हें बताया गया कि मनोहर की खच्चरें सुबह से यहीं पर हैं। बेटे के लापता होने की शिकायत 6 जून को पुलिस ने दर्ज करवाई गई। 9 जून को मनोहर का क्षत-विक्षत शव पुलिस ने बरामद किया।