लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज और उन्नत भारत (भारत सरकार) ने देशभर में ई-स्मार्ट क्लिनिक प्रोजेक्ट के विस्तार की शुरुआत की

Mark Industries, with its presence in 16 thousand villages of the country, will play an important role in promoting and implementing the Unnat Bharat Abhiyan e-Smart Clinic project.

 

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

 

मुंबई,  मार्च, 2024: आईवीडी उत्पाद बनाने वाली अग्रणी कंपनी लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज, आईआईटी दिल्ली की पहल एफआईटीटी (फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर) और भारत सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम उन्नत भारत अभियान के साथ मिलकर ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बेहतर करने को लेकर ई-स्मार्ट क्लिनिक परियोजना का कार्यान्वयन करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स राजकोट में इस परियोजना की शुरुआत की थी.

 

इस पहल को लेकर 22 फरवरी, 2024 को आईआईटी दिल्ली में लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज और उन्नत भारत अभियान ने एक विशेष समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे.

 

इस मौके पर लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मानव तेली ने कहा, “मैं इस शानदार ई स्मार्ट क्लिनिक प्रोजेक्ट की शुरुआत को लेकर उन्नत भारत अभियान के साथ हमारे सहयोगात्मक प्रयासों की परिणति को देखकर काफी उत्साहित हूं. यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार (इनोवेशन) और पहुंच बेहतर करने को लेकर हमारी प्रतिबद्धता को दिखाती है. इसके साथ-साथ इस पहल से ग्रामीण भारत में रहने वाले लोगों को काफी किफायती दरों पर अत्याधुनिक जांच और विशेषज्ञ चिकित्सकीय परामर्श जैसी सुविधाएं मिल पाएंगी. हमारा मानना है कि यह सभी नागरिकों के लिए समावेशी और समान स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने हमारे सपने को साकार करने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है.”

 

लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज ने अपने टेक्नोलॉजी पार्टनर डोजी के साथ मिलकर ई-स्मार्ट क्लिनिक का विकास किया है. इसके तहत पेटेंटेड टेक्नोलॉजी की मदद से बिना किसी बाहरी अटैचमेंट के मरीजों से जुड़े अहम मापदंडों (पैरामीटर्स) का पता लगाया जाता है.  महज 20 मिनट में खून की जांच करने में सक्षम क्लिनिक ग्रामीण मरीजों को ऑनलाइन तरीके से शीर्ष डॉक्टरों से कनेक्ट कर देती है, जिनसे वे अपनी स्थानीय भाषा में संवाद कर पाते हैं. लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज ने बायोकेमिस्ट्री और हेल्थ कियोस्क के लिए पेटेंट दाखिल किया है, जिनके जांच नतीजे 99 फीसदी तक सही पाए गए हैं.