लोकतंत्र का सजग प्रहरी है मीडिया – अरिंदम चौधरी

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

 

मंडी: मीडिया लोकतंत्र का सजग प्रहरी है। अपने दायित्वों को लेकर जागरूक मीडिया की लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अहम भूमिका है। यह विचार उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने मंगलवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर मंडी के डीआरडीए सभागार में आयोजित जिला स्तरीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर अपने संबोधन में व्यक्त किए। वरिष्ठ पत्रकार हेमकांत कात्यायन ने सम्मेलन की अध्यक्षता की।

 

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा ‘कौन मीडिया से नहीं डरता?’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में सभी पत्रकारों ने अपने विचार साझा किए।

 

किसी को डराना मीडिया का मकसद नहीं

उपायुक्त ने सभी को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मीडिया का मकसद किसी को डराना नहीं है बल्कि सच्चाई सामने लाना है। उन्होंने कहा कि जनहित के मामलों को सामने लाने में मीडिया की बड़ी भूमिका है। जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने में भी मीडिया का रोल महत्वपूर्ण है। मीडिया समाज में ‘ओपिनियन मेकर्स’ का भी काम करता है। समाज के अनेक छुपे पहलुओं व कारगुजारियों को उजागर करने और सच्चाई को सामने लाने में मीडिया तत्परता से काम करता है।

 

मीडिया की खबरिया चुटकी भी जरूरी

उपायुक्त ने कहा कि सरकारी अधिकारियों को मीडिया में छपी आलोचनात्मक खबरों को सकारात्मक दृष्टि से लेना चाहिए। इससे अपनी कार्यशैली में सुधार का मौका मिलता है। इसके अलावा जीवन में रस रहे इसके लिए भी कभी कभार मीडिया की खबरिया चुटकी जरूरी है।

 

पत्रकारों ने चर्चा-परिचर्चा में लिया भाग

अपने अध्यक्षीय संबोधन में वरिष्ठ पत्रकार हेमकांत कात्यायन ने निर्भीकता से पत्रकारिता करने और जनहित को ध्यान में रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जो ईमानदार है, भ्रष्ट आचरण मंे लिप्त नहीं है, उसे किसी प्रकार का भय नहीं है। उन्होंने बदलते दौर में मीडिया की विश्वसनीयता बनाए रखने की चुनौती को रेखांकित किया।

 

सम्मेलन में वरिष्ठ पत्रकार के.के. नूतन ने कहा कि मीडिया के पास जनता की ताकत है, इसलिए मीडिया से दुनिया डरती है। पत्रकारों ने कलम की ताकत से कठिन से कठिन हालात का भी हिम्मत से सामना किया है।

 

वहीं वरिष्ठ पत्रकार बीरबल शर्मा ने भी इस बात पर बल दिया कि मीडिया का मकसद डराना नहीं है। उन्होंने कहा ‘सकारात्मक सोच के साथ पत्रकारिता करें, फिर जो डरे वो उसके अपने मन का चोर है’।

 

वरिष्ठ पत्रकार डीपी गुप्ता ने कहा कि संजीदगी से की गई खबर का असर गहन होता है। पत्रकार जनता की समस्याएं उजागर करें, ऐसा वे किसी को डराने के लिए करेंगे पर उसका असर पड़ता है।

 

इस मौके वरिष्ठ पत्रकार मुरारी शर्मा ने कहा कि मीडिया डरता है या डराता है यह आज के संदर्भ में आत्ममंथन का विषय है। मीडिया का काम सच्चाई सामने लाना है, जो छुपाता है, गड़बड़ करता है वो डरता है।

 

वरिष्ठ पत्रकार हंसराज सैनी ने कहा कि मीडिया यदि अपनी विश्वसनीयता बनाकर चले तो उससे सभी डरते हैं। बड़ा सवाल विश्वसनीयता का है, जिसे हर हाल में बनाए रखने की आवश्यकता है।

 

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार अंकुश सूद ने कहा कि इस बार की परिचर्चा का विषय पत्रकारों की आत्मा को झकझोरने वाला है। जरूरी है सब इस पर गंभीरता से सोचें, विचार करें। निष्पक्ष पत्रकारिता आज की बड़ी जरूरत है।

 

वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा ने कहा कि जो खुद साफ स्पष्ट होगा उसे किसी से डरने की जरूरत नहीं । यह जरूरी है कि हम अपने काम में ठीक तरह से लगे रहें।

 

सम्मेलन में वरिष्ठ पत्रकार दीपेंद्र मांटा ने कहा कि मीडिया की भूमिका ‘वॉच डॉग’ की है। एक पत्रकार समाज की भलाई की दृष्टि से काम करता है, किसी को व्यक्तिगत टारगेट करना मीडिया का उद्देश्य नहीं होता।

 

वरिष्ठ पत्रकार मुनीष सूद ने कहा कि पत्रकार का निष्पक्ष व निर्भय होना जरूरी है, तभी वह पक्षपात काम कर सकता है। आज सोशल मीडिया सभी के लिए एक ताकतवर प्लेटफार्म बन कर उभरा है। इससे आम जन के हाथ में भी ताकत आई है।

 

वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश महाजन ने कहा कि सक्रिय और नैतिक पत्रकारिता में डर शब्द का कोई स्थान नहीं है। पत्रकारिता डराने नहीं डर भगाने का काम करती है।

 

सम्मेलन में वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र शर्मा ने कहा कि मीडिया का भय जरूरी है ताकि गलत काम करने वाले डरें। उन्होंने पत्रकारों से एक बेहतर समाज के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित बनाने का आह्वान किया।

 

वरिष्ठ पत्रकार खेम चंद शास्त्री ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, लोकतंत्र की भलाई के लिए जरूरी है कि मीडिया का डर रहे। आज भी प्रिंट मीडिया इस दायित्व को ठीक तरह से निभा रहा है।

 

वरिष्ठ पत्रकार आशा ठाकुर ने कहा कि जो पारदर्शिता और सच्चाई के साथ चलेगा उसे किसी से डर नहीं है। लोग अपनी समस्याएं मीडिया को बताते हैं क्योंकि उनको भरोसा है कि उनकी बात सही जगह पहुंचेगी।

 

वहीं वरिष्ठ पत्रकार विनोद राणा ने निर्भीकता से पत्रकारिता करने की जरूरत को रेखांकित किया।  

सम्मेलन में प्रदेश सरकार के मीडिया समन्वयक पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि सरकार के जनकल्याणकारी कार्यक्रमों एवं योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने में मीडिया का अहम योगदान है। मीडिया का डर हर उस व्यक्ति को होना चाहिए जो आदर्शों से, कर्तव्यों से समझौता करे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया को अपनी विश्वसनीयता बनाए रखना जरूरी है। पिं्रट मीडिया ने इसे बरकरार रखा है, आवश्यक है कि सोशल मीडिया भी और अधिक जिम्मेदारी से व्यवहार करे।

 

सूचना जनसंपर्क विभाग मंडी जोन की उपनिदेशक मंजुला कुमारी ने कहा कि डर का संबंध झूठ से है। जो सच्चाई के साथ है, अनैतिक नहीं है, निष्पक्ष व पारदर्शी है, वह निर्भीक है।

 

सम्मेलन में विभिन्न समाचार पत्रों व इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया के पत्रकारों ने भाग लिया। इस मौके जिला लोक संपर्क अधिकारी सहित सूचना एवं जनसंपर्क विभाग मंडी के सभी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

 

इससे पहले मीडिया समन्वयक पुरूषोत्तम शर्मा और सूचना जनसंपर्क विभाग मंडी जोन की उपनिदेशक मंजुला कुमारी ने उपायुक्त को गुलदस्ते, हिमाचली टोपी और मफलर के साथ सम्मानित किया।

 

इसलिए 16 नवंबर को मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रेस दिवस

बात दें, भारतीय प्रेस परिषद ने 16 नवंबर 1966 को विधिवत अपना काम शुरू किया था, इसी उपलक्ष्य पर हर साल ये दिन राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका मकसद प्रेस की आजादी के प्रति जागरूकता लाना और स्वतंत्र एवं दायित्व बोध से परिपूर्ण पत्रकारिता के वातावरण का निर्माण करना है। हर साल भारतीय प्रेस परिषद चर्चा-परिचर्चा के लिए एक विषय सुझाती है। इस बार का विषय ‘कौन मीडिया से नहीं डरता?’ था।