केंद्रीय विद्यालय हमीरपुर में औषध पौधारोपण कार्यक्रम का हुआ आयोजन, विद्यार्थियों ने विद्यालय परिसर में लगाए औषधीय पौधों के बीज 

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केंद्रीय विद्यालय हमीरपुरमें औषध पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजनआज
केंद्रीय विद्यालय हमीरपुरमें औषध पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजनआज

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

 

हमीरपुर| केंद्रीय विद्यालय हमीरपुर में हिमालय उन्नति मिशन एस.एस.आर.डी.पी.ट्रस्ट के अंतर्गत  औषध पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया आयुष मंत्रालय भारत सरकार, राष्ट्रीय औषधि पादप बोर्ड क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र उत्तर भारत- I के सौजन्य से इस कार्यक्रम काआयोजन किया गया | इसके अंतर्गतआर्ट ऑफ़ लिविंग संस्था की ओर से आए प्रतिनिधियों  निर्मल,  विद्यासागर शर्मा- उपनिदेशक (सेवानिवृत्ति) हॉर्टिकल्चर डिपार्मेंट हिमाचल प्रदेश सरकार, अंकित शर्मा, विद्यालय इको क्लब की प्रभारी  रोमा टेग्टा व विद्यार्थियों ने विद्यालय परिसर में अश्वगंधा,कालमेघ,मौरिंगा और श्योनाक औषधीय पौधों के बीजों का आरोपण किया |

 

 विद्यासागर शर्मा ने इन औषधीय पौधों के लाभों से विद्यार्थियों को अवगत करवाते हुए बताया कि श्योनाक-सामान्य कमजोरी में विशेष रूप से पेट की गड़बड़ी से होने वाली कमजोरी में यह लाभकारी है। श्योनाक के फल कफनिसारक, ज्वर, उदरसक्रियतावर्धक,  तथा पाचक होते हैं। अश्वगंधा के बारे में बात करने से पहले इस जड़ी-बूटी का इतिहास जानना आवश्यक है। यह औषधि करीब ६००० बी. सी. पुरानी है जिसको आयुर्वेदिक उपचार में सबसे महत्वपुर्ण दर्जा दिया गया है। यह जड़ीबूटी कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक रोगों को दूर करने में कारगर है। अर्थात अश्वगंधा एक सम्पूर्ण आयुर्वेदिक औषिधि है जिसके सेवन सेहर व्यक्ति अपनी ऊर्जा और क्षमता बढ़ा सकता है।

 

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कालमेघ- यह एक गुणकारी पौधा हैजो कई शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। मोरिंगा यानी सहजन एक बेहतरीन भारतीय सुपर फूड है, जो बालों के झड़ने, एनीमिया, अर्थराइटिस, थायराइड, कमजोर इम्यूनिटी, अस्थमा, डायबिटीज और मोटापा इत्यादि समस्याओं में कारगर है। यह विटामिन ए, विटामिन B1, B2, B3, B6, फोलेट, विटामिन सी, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और जिंक जैसे पोषक तत्वों का पावर हाउस है।

 

अंत में रोमा ने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त किया और आश्वस्त किया कि लगाए गए पौधों का विद्यार्थियों की सहायता से पोषित किया जाएगा और देखभाल करगे पौधों को विकसित कर उनके औषधीय गुणों से लाभान्वित होंगे