मिड-डे मील वर्कर ने शिक्षा निदेशालय के बाहर हल्ला बोला, 4 माह से नहीं मिला वेतन

शिमला: कोरोना ने हर वर्ग को बुरी तरह प्रभावित किया है. इस बीच हिमाचल प्रदेश में काम करने वाले मिड-डे मील कार्यकर्ताओं को बीते 4 महीने से वेतन नहीं मिला है. वेतन न मिलने से इन कार्यकर्ताओं के लिए घर-परिवार का भरण-पोषण करना भी मुश्किल हो गया है. अपनी मांगों को लेकर आज मिड-डे मील वर्कर ने शिक्षा निदेशालय के बाहर हल्ला बोला. मिड-डे मील वर्कर सरकार से उनके लिए स्थाई नीति बनाए जाने की मांग कर रहे हैं.

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मिड-डे मील वर्कर संघ की अध्यक्ष हिमी देवी ने कहा कि बीते 18 सालों से वह 33 रुपए प्रतिदिन दिहाड़ी के हिसाब से काम कर रहे हैं. इन दिनों जब आज महंगाई आसमान छू रही है, तो उनके घर-परिवार के लिए भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है. इस बीच उन्होंने सरकार से मांग की है। कि उनके लिए स्थाई नीति बनाई जाए और उन्हें नियमित किया जाए. इसके अलावा मिड-डे मील वर्कर ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश में एमटीएस की भर्ती में मिट-टे मील वर्कर को वरीयता दी जाए.

मिड-डे मील वर्कर हिमी देवी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने साल 2019 में प्रदेश सरकार को मिड-डे मील वर्कर्स को 10 महीने की तनख्वाह न देकर पूरे 12 महीने की तनख्वाह देने की बात कही थी, लेकिन अब तक उन्हें 12 महीने की तनख्वाह नहीं मिल रही है. ऐसे में प्रदेश सरकार की पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने के भी आरोप लगाए हैं.