आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के लोगों को न्यूनतम बस किराए में दो रुपये की कटौती का तोहफा दिया है। धर्मशाला में आयोजित ‘नारी को नमन’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने न्यूनतम किराये को सात रुपये से घटाकर पांच रुपये करने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम में एचआरटीसी बसों में महिलाओं को किराये में 50 फीसदी छूट का शुभारंभ किया गया।
नारी को नमन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता वास करते हैं। उन्होंने कहा कि यह बात देवभूमि हिमाचल में हकीकत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय में महिलाएं पुरुषों से भी आगे बढ़कर हर क्षेत्र में काम कर रही हैं। उन्हें और आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शहरी क्षेत्रों में चलने वाली एचआरटीसी की ‘राइड विद प्राइड’ टैक्सी सेवा के लिए 25 महिला चालकों के पद भरने की भी घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि अलग-अलग स्थानों पर एचआरटीसी के नए बस डिपो के लिए पैसों की कमी भी पूरी की जाएगी।
सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकार ने बहुत सारी योजनाएं महिलाओं के लिए समर्पित की हैं। महिलाओं को निगम की बसों में किराए में 50 फीसदी की छूट का फैसला महिला शक्ति को एक छोटा सा नमन है। प्रदेश में महिलाओं की संख्या आबादी का 50 प्रतिशत है। ऐसे में उनका आने-जाने का खर्चा कम करने के लिए हमने यह पहल की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में करीब 1.25 लाख महिलाएं रोजाना बसों में सफर करती हैं। इस फैसले को राजनीतिक नजरिए से देखने की जरूरत नहीं है। नारी के सम्मान के साथ-साथ उनके सशक्तिकरण के लिए यह फैसला किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा महिलाओं के लिए मुफ्तखोरी शब्द दुर्भाग्यपूर्ण
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस दिन हमने महिलाओं को बस किराए में 50 फीसदी छूट की घोषणा की थी, उस दिन कुछ लोगों ने कहा कि मुफ्तखोरी की आदत डाली जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शब्दों के चयन का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। महिलाओं के लिए मुफ्तखोरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुड़िया हत्याकांड को लेकर कुछ लोग कहते हैं कि यह छोटी घटना है। इस घटना ने न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश को हिलाकर रख दिया था। हमने बेटियों की सुरक्षा को देखते हुए हिमाचल में गुड़िया हेल्पलाइन की शुरुआत की थी।