पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री चंद्र कुमार ने ‘पहल’ योजना का किया ऐलान

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला| हिमाचल प्रदेश के पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक निदेशालय में कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस बैठक में विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया गया और आगामी योजनाओं पर चर्चा हुई। मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि चरवाहों का सीमाओं की रक्षा और पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान है। इसी को ध्यान में रखते हुए ‘पहल’ (PEHEL) नामक व्यापक योजना तैयार की गई है, जो केंद्र सरकार से मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। इस योजना के तहत चरवाहों की आजीविका सशक्त बनाने, पारंपरिक पशुपालन की चुनौतियों का समाधान और युवाओं तथा कमजोर वर्ग को विशेष समर्थन दिया जाएगा।

इस दौरान बैठक में मंत्री ने कहा कि प्रदेश में डेयरी सहकारी समितियों का गठन तेजी से किया जा रहा है। पहली चरण में 533 ग्राम पंचायतों में से 331 में सोसायटी बन चुकी हैं। दूसरी चरण में 518 पंचायतों में सोसायटी बनाने का कार्य जारी है, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 अक्टूबर तक सभी सोसायटी का पंजीकरण पूरा किया जाए, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने पशु चिकित्सकों को फील्ड में सक्रिय होकर पशुपालकों से संपर्क बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के निर्देश भी दिए, उन्होंने कहा कि 44 मोबाइल वेटनरी यूनिट्स से रोजाना औसतन 5.36 केसों का इलाज हो रहा है। दूध उत्पादकों को आर्थिक सहायता देने के लिए 4 अक्टूबर से ‘दूध प्रोत्साहन योजना’ शुरू की जाएगी, जिसके तहत डेयरी सहकारी समितियों के किसानों को प्रति लीटर 3 रुपये की सब्सिडी सीधे बैंक खाते में दी जाएगी। पशुपालन विभाग ने प्रदेश में ब्रॉयलर मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। पिछले वर्ष मुर्गी पालन में 52 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। अगले पांच वर्षों में 1000 पोल्ट्री यूनिट स्थापित की जाएंगी, जिससे करीब 10,200 रोजगार सृजित होंगे और किसानों की आय दोगुनी होगी, इस बैठक में सचिव पशुपालन विभाग रितेश चौहान, निदेशक पशुपालन डॉ. संजीव धीमान, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे है।