पर्वतारोही बलजीत कौर की नेपाल में अन्नपूर्णा चोटी पर अचानक मौत, साथ ही नॉर्दर्न आयरलैंड के पर्वतारोही नोएल हाना ने भी तोड़ा दम 

परिजनों ने की पुष्टि, ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत

0
4

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

शिमला। हिमाचल प्रदेश की पर्वतारोही बलजीत कौर की नेपाल में अन्नपूर्णा चोटी पर अचानक मौत हो गई है। बलजीत कौर  के साथ -साथ नॉर्दर्न आयरलैंड के पर्वतारोही नोएल हाना की भी मौत हुई बताई जा रही है। परिजनों ने बलजीत कौर की मौत की पुष्टि की है। आपको बता दें कि बलजीत कौर इससे पहले 2010 में दुनिया के चौथे सबसे ऊंचे पर्वत माउंट ल्होत्से पर के अलावा सबसे पहले 28 अप्रैल को माउंट अन्नपूर्णा प्रथम (8091 मीटर), 12 मई को माउंट कंचनजंगा (8586 मीटर) और 21 मई को माउंट एवरेस्ट (8849 मीटर) की चढ़ाई कर चुकी है। वे एक महीने से भी कम समय में आठ हजार मीटर की चार चोटियों को फतह करने वाली पहली भारतीय पर्वतारोही थी।

यह भी पढ़े:- जिस्पा में 14 दिवसीय बेसिक स्की कोर्स का हुआ समापन, 26 प्रशिक्षुओं ने सीखी स्की स्पोर्ट्स की बारीकियां

बताया जा रहा है कि बलजीत कौर चोटी फतह करने के बाद जब वापस नीचे की तरफ उतर रही थी, उस समय वे लापता हो गई।  बलजीत कौर कैंप-4 से लापता हो गई थी।  उन्होंने बिना सप्लीमेंट ऑक्सीजन को इस्तेमाल किए ही चोटी फतह कर ली थी। 19 साल की छोटी-सी उम्र में बलजीत कौर ने मनाली के देओ टिब्बा को फतह कर अपने करियर की शुरुआत की थी।  बलजीत कौर माउंट पमोरी को फतह करने वाली भारत की पहली महिला बनी थीं।  इसके अलावा बलजीत कौर ने 30 दिन के अंतराल में लगातार आठ हजार मीटर की ऊंचाई वाली पांच चोटियों को फतह कर दिखाया था. इनमें अन्नपूर्णा, कंचनजंगा, एवरेस्ट, लोतसे और मकालु चोटी शामिल थी.बलजीत कौर जिला सोलन के ममलीग के एक सामान्य परिवार से संबंध रखती थीं।  साल 2003 में उनके पिता बतौर एचआरटीसी ड्राइवर रिटायर हुए. वह घर पर अब खेती-बाड़ी करते हैं।  बलजीत कौर की मां गृहिणी हैं और उन्हें अपने माता-पिता का माउंटेनियरिंग में आगे बढ़ने के लिए पूरा सहयोग मिलता था।