मिक्सचर प्लांट एवं माइनिंग गतिविधियों को बताया लैंडस्लाइड का कारण
विशेषर नेगी
शिमला। राजधानी शिमला जिला के रामपुर उपमंडल के तहत बरौनी नामक स्थान में नेशनल हाईवे 5 लगातार धंसता जा रहा है। विभाग की ओर से मार्ग को दुरुस्त करने में करोड़ों रुपए हर वर्ष खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन स्थाई विकल्प नहीं निकल पाया है। लोगों का कहना है कि यह भू क्षरण वाला स्थान विभाग के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी साबित हो रही है। क्योंकि बार-बार सड़क धंस रही है और उसे ठीक करने में करोड़ों रुपए हर साल खर्च किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि सड़क धंसने का कारण आसपास के क्षेत्र में अवैज्ञानिक तरीके से नियमों को ताक पर रख कर खनन करना एवं स्टोन क्रेशर का होना। उनका यह भी आरोप है कि इस तरह की गतिविधियों के चलते ही मार्ग के अस्तित्व को खतरे में डाला जा रहा है । लोगो ने सामरिक दृष्टि से इस महत्वपूर्ण मार्ग को सही रखने के लिए स्थायी विकल्प निकाला जाए।
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पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी प्रेम सिंह दरेक ने बताया कि जो बरौनी खड्ड का एरिया है , यह नेशनल हाईवे के लिए ऐसी मुर्गी है जो हर साल सोने के अंडे देती है। इस हिस्से में हर सीजन के दौरान करोड़ों खर्च किए जाते है और सारा बह जाता है। इस मार्ग का स्थायी विकल्प जानबूझकर नही खोजा जाता। उन्होंने बताया दूसरा इस स्थान पर अवैध खनन बड़े स्तर पर हो रहा है । उस स्थान पर नियमों को ताक पर रख कर क्रशिंग और मिक्सिंग प्लांट भी स्थापित किया है। भूमि और सड़क धंसने का सबसे बड़ा कारण यह है और नेशनल हाईवे , वन , अथवा पलूशन कंट्रोल बोर्ड मूकदर्शक बने हुए है। उन्होंने तुरंत अवैध गतिविधियों को बंद करने और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है । उन्होंने बताया कि अगर अवैध गतिविधियों को नहीं रोका गया तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिशासी अभियंता के एल सुमन ने बताया बरौनी में स्लाइडिंग की वजह से सड़क क्षतिग्रस्त हो रहा है। उसको ठीक करने के लिए जो भी तकनीकी तौर से विकल्प है प्रयोग किया जा रहा है। वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से कोई भी स्थायी विकल्प नहीं है। विशेषज्ञों की टीम ने पुल लगाने और सुरंग निकालने की संभावनाओं को खारिज किया है। ।