आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश सरकार को नागरिक केंद्रित डिजिटल सेवा वितरण में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए सम्मानित किया है। हिमाचल के डिजिटल टेक्नोलॉजीज एवं गवर्नेंस विभाग को यह सम्मान 4 नवंबर, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित ‘डिजि लॉकर 2025’ राष्ट्रीय कार्यशाला एवं सम्मेलन में प्रदान किया गया। राज्य सरकार को ‘पीपल फर्स्ट इंटीग्रेशन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है, जो हिमसेवा (ई-डिस्ट्रिक्ट) की 51 सेवाओं, हिम परिवार और हिम एसेस कार्ड के सफल एकीकरण की उपलब्धि को मान्यता देता है, यह पहल राज्य की डिजिटल गवर्नेंस यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है। मुख्यमंत्री के नवाचार, डिजिटल टेक्नोलॉजी और गवर्नेंस के प्रधान सलाहकार गोकुल बुटेल ने कहा कि यह उपलब्धि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व और डिजिटलीकरण को प्राथमिकता देने की नीति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नियमित रूप से डिजिटल पहलों की समीक्षा करते हैं, जिससे विभिन्न विभागों में डिजिटल परिवर्तन की गति बढ़ी है।
इस दौरान बुटेल ने कहा कि यह पुरस्कार राज्य सरकार की नवाचार और तकनीक के माध्यम से डिजिटल समावेशन एवं नागरिक सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि हिम परिवार और हिम एसेस परियोजनाओं के तहत एक एकीकृत डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जा रहा है, जिससे नागरिकों को पारदर्शी, कुशल और समावेशी सेवाएं मिल सकें। यह पुरस्कार हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से आशीष सिंघमार, सचिव (डिजिटल टेक्नोलॉजीज एवं गवर्नेंस विभाग) ने प्राप्त किया। विभाग के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि विभाग ने मिशन मोड में कार्य करते हुए 53 प्रकार के नागरिक प्रमाणपत्रों और दस्तावेजों को डिजि लॉकर प्लेटफॉर्म से जोड़ा है, जिनमें हिम परिवार कार्ड, बोनाफाइड हिमाचली प्रमाणपत्र, डोमिसाइल, आय और चरित्र प्रमाणपत्र आदि शामिल हैं। इस एकीकरण से नागरिकों को सरकारी सेवाओं तक पारदर्शी, सुव्यवस्थित और सुरक्षित डिजिटल पहुंच प्राप्त हुई है, जिससे भौतिक दस्तावेजों की आवश्यकता में कमी आई है और राज्य में एकीकृत डिजिटल गवर्नेंस प्रणाली को नई दिशा मिली है।











