नवरात्र विशेष: जानिए, नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा के नौ रूप

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छविंद्र शर्मा

आनी। नवरात्रि के पावन दिनों की शुरुआत 17 अक्तूबर से हो रही है।ज्योतिष आचार्य पंडित मोहेंद्र शर्मा के अनुसार  देशभर में 17 अक्तूबर से 25 अक्तूबर तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाएगी। नवरात्रि के पावन दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्रि के दिनों में शुभ कार्य करने का विधान है ।
नवरात्रि की  तिथियां……
17 अक्टूबर 2020 (शनिवार)- प्रतिपदा पहला नवरात्रि घटस्थापना
18 अक्टूबर 2020 (रविवार)- द्वितीया नवरात्रि माँ ब्रह्मचारिणी पूजा
19 अक्टूबर 2020 (सोमवार)- तृतीय नवरात्रि माँ चंद्रघंटा पूजा
20 अक्टूबर 2020 (मंगलवार)- चतुर्थी नवरात्रि माँ कुष्मांडा पूजा
21 अक्टूबर 2020 (बुधवार)- पंचमी नवरात्रि माँ स्कंदमाता पूजा
22 अक्टूबर 2020 (गुरुवार)- षष्ठी नवरात्रि माँ कात्यायनी पूजा
23 अक्टूबर 2020 (शुक्रवार)- सप्तमी नवरात्रि माँ कालरात्रि पूजा
24 अक्टूबर 2020 (शनिवार)- अष्टमी नवरात्रि माँ महागौरी, दुर्गा महा नवमी, पूजा दुर्गा, महा अष्टमी पूजा
25 अक्टूबर 2020 (रविवार)- नवमी नवरात्रि  मां सिद्धिदात्री,
26 अक्टूबर 2020 (सोमवार)- दुर्गा विसर्जन और विजयादशमी
नवरात्रि का पर्व आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से है। नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: 6 बजकर 23 मिनट से प्रात: 10 बजकर 12 मिनट तक है। घटस्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त प्रात:काल 11:44 से 12:29 तक रहेगा।
शनिवार के दिन नवरात्रि का पहला दिन होने के कारण इस दिन मां दुर्गा घोड़े की सवारी करते हुए पृथ्वी पर आएंगी। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ ही नवरात्रि शुरू हो जाती है। साथ ही विभिन्न पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर मां शक्ति की आराधना की जाती है। नवरात्रि पर मां दुर्गा के धरती पर आगमन का विशेष महत्व होता है। देवीभागवत पुराण के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा का आगमन भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत के रूप में भी देखा जाता है। हर वर्ष नवरात्रि में देवी दुर्गा का आगमन अलग-अलग वाहनों में सवार होकर आती हैं और उसका अलग-अलग महत्व होता है। शारदीय नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनायी जाती है। शरद ऋतु में आगमन के कारण ही इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।