आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना राज्य के युवाओं, किसानों और ग्रामीण आबादी के लिए रोजगार और आजीविका का नया अवसर साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कृषि के साथ साथ मत्स्य पालन को एक स्थायी और लाभकारी व्यवसाय के रूप में विकसित करना है। इसके तहत प्रदेश के उष्ण जलवायु वाले क्षेत्रों में मीठे पानी में कार्प मछली पालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मत्स्य पालन विभाग के अनुसार, योजना में तालाब निर्माण और प्रारंभिक वर्ष की इनपुट लागत पर सरकार 80 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान कर रही है। प्रति हेक्टेयर 12.40 लाख रुपये की यूनिट लागत निर्धारित की गई है, जिसमें तालाब निर्माण के लिए 8.40 लाख रुपये और इनपुट सामग्री के लिए 4 लाख रुपये शामिल हैं। इस योजना में शामिल होने के लिए लाभार्थी के पास स्वामित्व भूमि या न्यूनतम सात वर्षों के लिए पट्टे पर ली गई भूमि होना आवश्यक है। आवेदन में बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और अनुसूचित वर्ग के आवेदकों को प्राथमिकता दी जाती है।
इस दौरान मत्स्य विभाग द्वारा लाभार्थियों को तकनीकी प्रशिक्षण, मत्स्य बीज आपूर्ति, रोग नियंत्रण, चारा प्रबंधन और विपणन सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अलावा मत्स्य सहकारी समितियों और समूहों को भी योजना में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि सामूहिक उत्पादन और विपणन नेटवर्क मजबूत हो सके। इसी तरह तहसील नूरपुर के लवली कुमार को योजना के तहत 1.39 लाख रुपये की सब्सिडी मिली। उन्होंने विभाग की सहायता से मछली पालन शुरू किया और अब दो अन्य व्यक्तियों को रोजगार भी दे रहे हैं। तहसील नूरपुर के राकेश कुमार और तहसील फतेहपुर के रमेश चंद्र ने भी योजना का लाभ उठाते हुए तालाब निर्माण कर स्वरोजगार शुरू किया। इस सहायक निदेशक मत्स्य पालन, पौंग जलाशय संदीप कुमार ने बताया कि योजना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रही है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग सभी लाभार्थियों को समान रूप से 80 प्रतिशत अनुदान मिलता है।
इसी तरह उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार विशेष पहल कर रही है। पोंग बांध और निचले इलाकों में योजना के तहत युवाओं और मछुआरों को आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में हिमाचल के युवाओं के पास अपार संभावनाएं हैं और सरकार उनकी हर संभव मदद कर रही है। मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना न केवल ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार का माध्यम बन रही है, बल्कि यह प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को विविधता और मजबूती देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।











