प्राचार्यों की शैक्षणिक योग्यता न बताने पर 20 निजी कालेज प्रबंधकों को नोटिस जारी

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शिमला : हिमाचल नियामक आयोग ने प्राचार्यों की शैक्षणिक योग्यता न बताने पर 20 निजी कालेज प्रबंधकों को नोटिस जारी कर शैक्षणिक संस्थानों को सितंबर के अंतिम सप्ताह तक पूरा रिकार्ड भेजने के निर्देश दिए हैं. रिकार्ड न भेजने पर कार्रवाई करने की बात भी कहीं गई है.

निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने निजी कालेजों के प्राचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया और शैक्षणिक योग्यता की जांच के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. एनके शारदा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी. कोरोना के कारण जिसकी जांच में देरी हो गई, अब दोबारा कमेटी ने जांच शुरू कर दी है.

कमेटी की प्रारंभिक जांच में कई कालेजों के प्राचार्य व अन्य फैकल्टी अयोग्य पाए गए थे. इस दौरान इन्हें भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था. बता दें कि आयोग संस्कृत, नर्सिंग, मैनेजमेंट और डेंटल सहित 100 के करीब कालेजों के दस्तावेज खंगाल रहा है.

हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त मेजर जनरल अतुल कौशिक ने बीबीएन स्थित निजी विश्वविद्यालयों का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने विवि में सुविधाओं की जांच में पाया था कि विश्वविद्यालयों में छात्रों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से कई खामियां सामने आई. विवि को को जोडऩे वाली सड़क की हालात दयनीय थी, सरकारी बसों की सुविधा भी विवि उपलब्ध नहीं थी.

बता दें कि हिमुडा से जमीन लेकर विश्वविद्यालय का निर्माण हुआ था, उस समय कई वादे विवि के साथ किए गए थे जो आज भी पूरे नहीं हुए हैं. विवि प्रबंधन ने बताया कि प्रत्येक विवि 15 से 20 लाख रुपये साल में हिमुडा को कई तरह के चार्ज व टैक्स के रूप में देते हैं लेकिन उन्हें वे सुविधाएं नहीं मिल रही हैं जो मिलनी चाहिए.
अतुल कौशिक ने शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज के समक्ष विवि की समस्याएं रखीं. मंत्री ने कहा कि अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश देकर सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी.