एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की नीलामी नोटिस पर कुलपति ने दिलाया सभी को सुरक्षा का भरोसा

कहा, किसी भी छात्र की पढ़ाई नहीं होगी बाधित, विश्वविद्यालय का ट्रस्ट बैंकरों को कर रहा सहयोग, स्थितियां अनुकूल होंगी

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शिमला। मीडिया में स्थानीय अलख प्रकाश गोयल शिमला विश्वविद्यालय (एपीजी शिमला विश्वविद्यालय) की नीलामी की खबरों और नीलामी नोटिस पर विश्वविद्यालय के कुलपति (कार्यवाहक) प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने सोमवार को सुलझे ढंग से अलख प्रकाश गोयल शिमला विश्वविद्यालय और अलख प्रकाश गोयल शिमला विश्वविद्यालय के ट्रस्ट की ओर से अपना स्पष्टीकरण व्यक्त किया, कहा कि सभी हित धारकों का ध्यान एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ऑनलाइन नीलामी की मीडिया खबरों की ओर दिलाना चाहता हूँ जो कि बैंकरों की ओर से विश्वविद्यालय ट्रस्ट को लोन और नीलामी से संबंधित हैं।

कुलपति प्रो.डॉ. रमेश चौहान ने कहा कि यह मामला एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के ट्रस्ट और बैंकरों के बीच का मामला है। उन्होंने कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय दो सौ करोड़ से अधिक रुपये राशि से निर्मित बेहतरीन कैंपस हैं और इसका इंफ्रास्ट्रक्चर अव्वल दर्जे का है और विश्वविद्यालय के ट्रस्ट को लगभग चालीस करोड़ रुपये की राशि अभी बैंकरों को अदायगी शेष है।

कुलपति चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय का ट्रस्ट पूरी तरह से बैंकरों को सहयोग कर रहा है ताकि लोन के मामलों को जल्दी से निपटाया जा सके। कुलपति चौहान ने स्पष्ट किया कि ये लोन संबंधित मामले विश्वविद्यालय के ट्रस्ट ग्रुप और बैंकरों के बीच के हैं जबकि विश्वविद्यालय अपने आप में एक अलग संस्था है जिस पर विश्वविद्यालय के ट्रस्ट और बैंकरों के बीच चल रही प्रक्रिया का विश्वविद्यालय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने सभी छात्रों, छात्रों के अभिभावकों और विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों को पका भरोसा दिलाया कि उनके हितों से कोई खिलवाड़ नहीं होगा और उनके हित पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। कुलपति चौहान ने जोर देकर कहा कि छात्र, अभिभावक, शिक्षक, स्टाफ सदस्य और सभी हितधारक मीडिया में आई रिपोर्टों पर ध्यान न दें क्योंकि किसी के भविष्य को दांव पर नहीं लगाया जा सकता।
कुलपति चौहान ने यह भी कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में नियमित रूप से ऑनलाइन-टीचिंग-लर्निंग, परीक्षाएँ, प्रैक्टिकल कार्य बेहतर और सुचारू रूप से पहले से हो रहे हैं।

कुलपति ने बताया कि जब एक बार सभी लोन के मामले हल हो जाते हैं और राज्य सरकार कोविड-19 के प्रतिबंधों को पूरी तरह हटा देती है तो विश्वविद्यालय सामान्य शैक्षणिक गतिविधियों की तरह शैक्षणिक गतिविधियां व पढ़ाई को चालू रखेगा।