आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। राजधानी शिमला पुलिस की ओर से ट्रैफिक रेगूलेट करने के प्रयासों की टूरिज्म इंडस्ट्री एसोसिएशन ने सराहना की है। पिछले कई वर्षों से गाड़ियों की आवाजाही बढ़ने से शिमला के द्वार पर ट्रैफिक कंट्रोल से बाहर हो जाता था । पुलिस द्वारा ट्रैफिक रेगुलेट करने की बजाए टूटीकंडी क्रॉसिंग से बाईपास की ओर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया जाता था। जिसका सीधा असर शिमला शहर के होटलों की ऑक्यूपेंसी पर पड़ा तथा शिमला मे आ रहे पर्यटकों के साथ साथ स्थानीय लोगों को भी ट्रैफिक डायवर्सन के कारण परेशानी झेलनी पड़ती थी ।
यही कारण है की शिमला का वीक एंड टूरिज्म भी न के बराबर रह गया है। शिमला मे पड़ोसी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी ट्रैफिक समस्या के कारण परहेज करने लगे है। शिमला की ट्रैफिक समस्या एक चनोती पूर्ण कार्य है। आज कल शिमला के एस पी स्वयं मोर्चा संभाले हुएँ है तथा ट्रैफिक को रेग्यूलेट करने के लिय बहुत निष्ठा से प्रयास कर रहे है जिसके लिए हम उनकी सराहना करते है। आज जो पुलिस द्वारा 1मिनट ट्रैफिक प्लान पर काम किया जा रहा है इससे शिमला शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या कम हुई है। पहले जहां तारादेवी से गाडियां चींटी की चाल पर रेंकती नजर आती थी तथा शिमला पहुंचने में घंटों ट्रैफिक से दो चार होना पड़ता था, वही आज ट्रैफिक को रेग्यूलेट करने से तारादेवी के बाद ट्रैफिक का फ्री फ्लो देखने को मिलता है।
यदि हम अपने पड़ोसी राज्य चंडीगढ़ को देखें तो पीक आवर्ज में पंचकुला से चंडीगढ़ पहुंचने तथा वहां से बाहर निकलने मैं कम से कम 30मिनट से लेकर 40मिनट का समय लगता है क्योंकी ट्रैफिक लाइटिंग के माध्यम से ट्रैफिक को रेगिलेट किया जाता है। इसी प्रकार शिमला मे बढ़ते ट्रैफिक को ट्रैफिक लाइटिंग सिस्टम से रेग्यूलेट करने की आवश्कता है।
वर्तमान मे शिमला शहर तथा शिमला की म्युनिसिपल लिमिट्स के साथ सटे ग्रामीण इलाकों में पर्यटकों के ठहरने के लिए एकोमोडेशन की संख्या बहुत बढ़ गई है जिसके कारण बाहर से आने वाली गाड़ियों का दबाव भी बहुत बढ़ गया है। यदि इसी रफ्तार से टूरिस्टों के ठहरने की एकोमोडेशन बढ़ती रही तो ट्रैफिक समस्या एक विकराल रूप धारण कर लेगी । शिमला मे कैरिंग कैपेसिटी से जायदा शिमला की सड़कों पर दबाव बढ़ता जा रहा है जो की बहुत चिंता का विषय है। क्योंकि शिमला शहर में पर्याप्त पार्किंग की सुविधा का अभाव है ।
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ट्रैफिक की समस्या से निजात पाने के लिए हम सभी को मिलकर पुलिस का सहयोग करने की जरूरत है। पिछले वर्षों में पर्यटन सीजन से शुरू होते ही एक आनन फानन में एक ट्रैफिक प्लान लागू कर दिया जाता था जिसका विपरीत असर सीधा टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ता था। इस वर्ष शिमला पुलिस द्वारा ट्रैफिक प्लान पर टूरिस्ट सीजन से एक महीने पहले ही कार्य शुरू कर दिया गया ताकि आने वाले टूरिस्ट सीजन में ट्रैफिक की समस्या को कम किया जा सके। जब भी कोई नया ट्रैफिक प्लान लागू किया जाता है उसने कई समस्याएं आती है जिसका सुधार करने में समय लगता है।
इसी के मध्य नजर टूरिज्म इंडस्ट्री एसोसिएशन जुलाई के पहले हफ्ते में शिमला पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में होटल व्यवसायियों के साथ एक बैठक का आयोजन करने की रूप रेखा त्यार कर रही है ताकि ट्रैफिक प्लान को कैसे सचारू बनाया जा सके इस पर पर्यटन की दृष्टि से चर्चा की जा सके। इसी प्रकार अनिवार्य फॉरेन रजिस्ट्रेशन रूल्स तथा स्टेट सिक्योरिटी के विषय पर इस बैठक के माध्यम से व्यवसायियों को अवगत करवाया जा सके।