प्राकृतिक आपदा के चलते पंचायत चुनाव टाले गए: रोहित ठाकुर

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि राज्य में पंचायत चुनावों को स्थगित करने का निर्णय पूरी तरह से प्रशासनिक कारणों पर आधारित था। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह निर्णय अधिकारियों की वैध सिफारिशों के आधार पर लिया गया, जिनका मानना था कि प्राकृतिक आपदा के बाद चल रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों के चलते वर्तमान में चुनाव कराना संभव नहीं है। शिक्षा मंत्री ने भाजपा पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2022 में भाजपा सरकार ने स्वयं नगर निगम चुनावों में एक वर्ष की देरी की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकार की आलोचना करना दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि कई भाजपा शासित राज्यों में भी चुनावों को स्थगित किया गया है।

इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2023 से जारी प्राकृतिक आपदाओं में अब तक 700 से अधिक लोगों की जान गई है और 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है। सरकार ने राहत कार्यों के लिए 4,500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी किया है और प्रभावित परिवारों, किसानों, बागवानों एवं दुकानदारों को व्यापक सहायता दी है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई है। पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई शुरू की गई है और अगले सत्र से 100 सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को सीबीएसई से संबद्ध किया जाएगा और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आधुनिक सुविधाओं से युक्त राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि पिछले अढ़ाई वर्षों में 7,000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए शून्य या कम नामांकन वाले स्कूलों को युक्तिसंगत बनाया गया है और साथ ही, आपदा प्रभावित स्कूलों की मरम्मत व पुनर्निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अब पूरी तरह साक्षर राज्य बनने की ओर अग्रसर है। वर्ष 2021 में प्रदेश जहां देश में 21वें स्थान पर था, वहीं अब वह शीर्ष पांच राज्यों में शामिल हो गया है। राज्य सरकार द्वारा संचालित छात्रवृत्ति योजनाओं से 87,000 से अधिक विद्यार्थियों को लाभ मिला है, जबकि मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना सहित विभिन्न योजनाओं के तहत दो वर्षों में 92 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।

शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जीएसटी दरों में बदलाव से राज्य को 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और राजस्व घाटा अनुदान में भी भारी कटौती की गई है। इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार आपदा राहत, शिक्षा व अन्य आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री ने कहा कि भाजपा केवल आलोचना और राजनीतिक लाभ के प्रयासों में लगी हुई है, जबकि कांग्रेस सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास और नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के साथ सरकार साक्षरता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समावेशी विकास की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।