भाविता जोशी। सोलन
परवाणू-कसौली मार्ग पर अवैध रूप से खड़े मालवाहक वाहन समस्या का कारण बने हुए है। जिस पर स्थानीय प्रशासन भी चुप्पी साधे खड़ा है। बता दें की बड़े भारी -भरकम मालवाहक वाहन टकसाल रेलवे फाटक से काली मिट्टी तक दोनों किनारों पर अवैध रूप से खड़े किए जाते है। जिस कारण वहा से गुजरने वाले छोटे वाहनों और पैदल चलने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सड़क के दोनों और अवैध रूप से खड़े ट्रक लगभग माइक्रोटेक कंपनी व कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों के होते है। इस सड़क से गुजरने वाली स्वास्थ्य सेवा वाहन व एम्बुलेंस को भी कई बार भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आयशर गेट रेलवे फाटक पर बाकायदा प्रशासन द्वारा चेतावनी बोर्ड लगाया गया है। परन्तु उस का भी कोई असर दिखता नज़र नहीं आता।
लोगों का कहना है कि आए दिन सुबह व शाम के वक़्त जिस समय लोग अपने कार्यालय या नौकरी पर जा रहे होते है तो लगभग हर रोज़ कुछ समय जाम का सामना करना पड़ता है।
ऐसी ही स्थिति परवाणू शीतला माता मंदिर से लेकर सेक्टर तीन पर भी होती है जहाँ सड़क के दोनों किनारों पर ट्रक व केंटर अवैध रूप से खड़े किए जाते हैं।
कंपनियों में कार्यरत महिलाओ का कहना है कि सड़क के दोनों ओर खड़े वाहनों के कारण उपरोक्त रोड से गुजरने पर असुरक्षा का भय बना रहता है। लोगों ने बताया कि कई बार स्थानीय प्रशासन को इस बारे शिकायत दी गई, लेकिन समाधान नहीं निकला।
पुलिस प्रशासन को शिकायत देने के बाद एक दो दिन तो वाहनों के चालान काटे जाते है परन्तु बाद में फिर स्थिति ज्यों की त्यों बन जाती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि चालान काटना ही है तो उन उद्योगों का काटा जाए जिनके कारण मालवाहक वाहनों व उद्योगों में कार्यरत कर्मचारियों के वाहनों को उद्योगों के अंदर खड़ा रहने के बजाए बाहर सड़क किनारे खड़ा रहना पड़ता है। अवैध पार्क किए गए वाहनों के कारण सड़क पर गाड़ी चलने की जगह बहुत ही संकीर्ण रह जाती है। जिस कारण दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है और जब सेब सीज़न की शुरुआत होती है तो उस समय तो स्थिति और भी अधिक गंभीर हो जाती है।
थाना प्रभारी दयाराम ठाकुर ने बताया कि समय-समय पर हमारे ट्रैफ़िक विभाग द्वारा अवैध पार्क किए गए वाहनों के चालान काटे जाते है और जिन भी उद्योगों के वाहन सड़क किनारे खड़े हुए होते हैं उनको सूचित कर दिया जाता है। इस समस्या पर उद्योगों को भी अपनी जिम्मेवारी निभानी चाहिए।