भाविता जोशी। सोलन
सेब मंडी के उद्घाटन के बाद भी उसमें अभी तक किसी भी प्रकार के फूलों का कारोबार नहीं हुआ है। दो करोड़ की लागत से बनी मंडी से अभी तक सरकार को किसी भी प्रकार की आमदन नहीं हुई है, न ही यहाँ कोई फूलों का कारोबार शुरू हुआ है। परवाणू में पुष्प मंडी के साथ सेब मंडी का भी कार्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।जिससे स्वयं बागवान व आढ़ती नाखुश नज़र आ रहे हैं हालाँकि यह मंडी 22 करोड़ की लागत से तैयार की जा रही है।
पुष्प मंडी के उद्घाटन के बाद से उसमें एक दिन भी फूलों का किसी भी प्रकार का कारोबार नहीं किया गया है। अभी तक कोई भी व्यापारी फूल लेकर परवाणू मंडी तक नहीं पहुंचा है हालाँकि मंडी में फूलों को रखने के लिए अभी कोल्ड स्टोर की सुविधा भी नहीं है। ऐसे में यदि व्यापारी मंडी तक पहुँच भी जाता है तो उसके फूलों को ग्राहक मिलने तक सलामत रखने का कोई प्रबंध नहीं है। इस बारे में एपीएमसी के अधिकारी यह कहकर अपनी जान छुड़ाने की कोशिश कर रहे हैं कि फूलों का सीजन फरवरी के अंत या मार्च से शुरू होने पर काम शुरू होगा।
एपीएमसी सचिव रविंदर शर्मा ने बताया कि हिमाचल में 15- 20 किस्म के फूलों की खेती की जाती है जो की फरवरी अंत में या मार्च की शुरुआत में मार्केट में आते हैं।
फूल बागवानों को यह फूल बेचने के लिए हिमाचल से चंडीगढ़ या दिल्ली जाना पड़ता है। इस मंडी से फूल बागवानों को राहत मिलेगी तथा उन्हें परवाणू में अपने फूलों की अच्छी कीमत मिल सकेगी व उन्हें इसके लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि अभी कोल्ड स्टोर की व्यवस्था पुष्प मंडी में नहीं है शुरुआती तौर पर आढ़ती स्वयं अपनी दुकानों में छोटे कोल्ड स्टोर की व्यवस्था करेंगे। रविंदर ने कहा कि यह प्रदेश की पहली पुष्प मंडी है तथा प्रदेश में यदि अन्य जिलों में भी इसकी मांग बढ़ेगी तो पूरे प्रदेश में ऐसी मंडियों का निर्माण किया जाएगा।