आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार एक सुदृढ़ और समावेशी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के निर्माण हेतु अधोसंरचना विकास और तकनीकी नवाचारों पर विशेष ध्यान दे रही है, सरकार का उद्देश्य नागरिकों को सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा हाल के महीनों में ऊना में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर, आईजीएमसी शिमला में ट्रॉमा सेंटर, ओपीडी व पीईटी ब्लॉक, तथा टांडा मेडिकल कॉलेज में पीईटी स्कैन मशीन जैसी परियोजनाओं की शुरुआत की गई है और साथ ही चमियाणा और टांडा में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू की गई है, जिसे अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी चरणबद्ध रूप से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, स्वास्थ्य कार्यबल को सशक्त बनाना, दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य पहुंच बढ़ाना और डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने पर है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि शहरी स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। वहीं बिलासपुर और किन्नौर जैसे जिलों में प्रसव पूर्व देखभाल की कवरेज लगातार बेहतर की जा रही है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने हिम केयर योजना के तहत लाखों लाभार्थियों को निःशुल्क या रियायती इलाज की सुविधा प्रदान की है, जिससे आमजन पर आर्थिक बोझ कम हुआ है और समान स्वास्थ्य पहुंच सुनिश्चित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिरमौर जिले में स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों का उन्नयन और फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सशक्त करने जैसे प्रयास जमीनी स्तर पर सुधार लाने की दिशा में कारगर साबित हो रहे हैं। डिजिटल हेल्थ प्रणाली के अंतर्गत उप-केंद्र से राज्य स्तर तक की स्वास्थ्य सूचना प्रणाली के एकीकरण का कार्य जारी है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की दक्षता और पारदर्शिता में वृद्धि हो रही है।
सरकार ने रेडियोग्राफर और एक्स-रे तकनीशियन सहित अन्य तकनीकी कर्मियों के मानदेय में वृद्धि की है और साथ ही, 200 मेडिकल अधिकारियों, 38 सहायक प्रोफेसरों तथा 400 स्टाफ नर्सों की भर्ती को मंजूरी दी गई है, जिससे चिकित्सा महाविद्यालयों व अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और दक्षता में बढ़ोतरी होगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि प्रदेश के नागरिकों को उन्नत और विशेष उपचार की सुविधा राज्य के भीतर ही उपलब्ध हो, ताकि उन्हें बाहर जाने की आवश्यकता न पड़े। सरकार स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने और चिकित्सा सेवाओं को जनसुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।











