कोरोना संकट में आम जनता की परेशानियों से अनजान प्रदेश के जन-प्रतिनिधियों को चाहिए गा़ड़ियों पर झंडिया: डा. किशोर

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

शिमला। स्वाभिमान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष  डॉ के एल शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना के संकट में आम जनता के बारे में बहुत ही उदासीन है । प्रदेश की जनता  जीएं या मरे, उनको इससे कुछ लेना देना नही।  उनको अपनी वाह- वाही तथा गाड़ियों पर झंडियाँ चाहिए ।  शमला से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने स्वीकार किया है कि  हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण हॉस्पिटल में आए हुए व्यक्तियों में से 38 प्रतिशत मौतें चौबीस घंटों में हो रही हैं और 4. 1 प्रतिशत संक्रमित रास्ते में या अस्पताल में दाखिल होने से पहले ही मौतें हो रही हैं तथा 7.7 प्रतिशत होम क्वारंटाइन  संक्रमित व्यक्तियों  की मौतें हो रही है यदि इसका समावेश किया जाए तो 16.67 प्रतिशत कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की मौतें प्रदेश में संक्रमित होने  के 24 घंटे के बीच में हो रही हैं जो कि गहन चिंतन की बात है।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार की  अव्यवस्था के कारण  बेतहासा लोग मर रहें हैंऔर हमारे जनप्रतिनिधियों को अपनी सुविधाओं तथा झन्डियां लेने की चिंता है जोकि सरासर  गलत तथा निन्दनीय  है। स्वाभिमान पार्टी के नेता ने कहा कि प्रदेश में लाकडाऊन के कारण परिवहन सेवा बंद है। लेकिन विश्वविद्यालय शिमला ने  24-25, मई 2021 तक  तीसरी तथा चौथी श्रेणी की पोस्टों की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू लिए जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन  संदेश देता है कि प्रार्थी अपने आने जाने या अन्य किसी भी समस्या की वजह से ना आए तो हम जिम्मेवार नहीं हैं । उन्होंने कहा कि जनता जानना चाहती है कि पिछले डेढ़ साल से रूके हुऐ इंटरव्यू लाकडाऊन में क्यों लिए गऐ। यह प्रक्रिया  सरकार की मंशा पर संदेह दर्शाती है ।  उन्होंने मांग की कि विश्व विद्यालय द्वारा लिए गए साक्षात्कार निरस्त किए जाऐं तथा लाकडाऊन खुलने के बाद ही साक्षात्कार हों प्रदेश के हर कोने से प्रतिभागी भाग ले सकें।