कविता -डाॅ एम डी सिंह

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
शिमला। लगे दामन पर धब्बों को धोने की बात कर रहे
चन्द लोग घड़ियालों से रोने की बात कर रहे
रात धूप में नहा रही, नींद कहां आंखें चौंधीं
फिर भी हमसे भाई सब सोने की बात कर रहे
सपनों की तिजारत में लगे ठगहारे कदम-कदम
यार लोग हमसे यकीन बोने की बात कर रहे
हर मुंह पर लगे ताले दिख रहे आजकल शहर में
कुछ हैं कि यहां शोर बेहद होने की बात कर रहे
क्या हासिल हुआ है चलकर पूछें उन लड़ाकों से
  • सभी जिनकी बहुत जानें खोने की बात कर रहे
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