शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाने वाले देहरा के विधायक होशियार सिंह और जोगिंदर नगर के विधायक प्रकाश राणा की सदस्यता पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है. साल 2017 में निर्दलीय विधायक के तौर पर जीतकर विधानसभा पहुंचे दोनों विधायकों ने बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. अब नियम कहते हैं कि निर्दलीय विधायक पार्टी को बाहर से समर्थन तो दे सकते हैं, लेकिन किसी दल में शामिल नहीं हो सकते. संविधान कहता है कि दल-बदल करने वाले विधायक को तय अवधि के भीतर विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देना होता है. इसके पीछे कारण यह है कि क्षेत्र विशेष की जनता ने उस व्यक्ति को किसी पार्टी की बजाय निर्दलीय मत प्रकट कर विजयी बनाया था, जिसने किसी दल विशेष में जाकर धोखा किया है.
हिमाचल कांग्रेस के फायर ब्रांड नेता और हर मसले पर फ्रंट फुट पर बैटिंग करने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले पर भी बीजेपी को कटघरे में खड़ा कर दिया है. सुक्खू ने बीजेपी आलाकमान पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की अनदेखी करने के भी आरोप लगाए हैं. दरअसल दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों से साल 2017 में बीजेपी की टिकट पर लड़ने वाले प्रत्याशी प्रो. प्रेम कुमार धूमल के करीबी माने जाते हैं. जहां एक और जोगिंदर नगर के गुलाब सिंह ठाकुर धूमल के संबंधी हैं. तो वहीं, दूसरी ओर देहरा के रविंद्र रवि भी धूमल कैंप से ही आते हैं. जानकार मानते हैं कि दोनों ही विधायकों को टिकट की शर्त पर पार्टी में सम्मिलित किया गया है. ऐसे में बीजेपी के दो बड़े चेहरों के राजनीतिक भविष्य पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है. बहरहाल, देखने वाली बात यह होगी कि क्या बीजेपी में शामिल हुए दोनों विधायकों की सदस्यता रद्द होगी और धूमल कैंप के दो बड़े नेताओं का राजनीतिक भविष्य क्या होगा.