शानन परियोजना पर पंजाब से अब तक नहीं मिला नियंत्रण: मुख्यमंत्री का आरोप

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला| मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश को अपने वैधानिक अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि शानन जलविद्युत परियोजना की लीज समाप्त होने के बावजूद पंजाब सरकार ने इसे हिमाचल को वापस नहीं सौंपा है और साथ ही, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बीबीएमबी से बकाया राशि का भुगतान भी पंजाब और हरियाणा के अड़चनों के चलते लंबित है। मुख्यमंत्री रविवार देर शाम शिमला में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के साइबर सुरक्षा संचालन केंद्र का उद्घाटन किया, साथ ही सहकारी गान और एक स्मारिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सहकारी समितियों ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम योगदान दिया है। वर्तमान में राज्य में 5,000 से अधिक सक्रिय सहकारी समितियां कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 2,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियां शामिल हैं।

इस दौरान उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने धारा 118 के अंतर्गत सहकारी समितियों को भूमि खरीद में छूट देने पर विचार का आश्वासन दिया और साथ ही राज्य सहकारी बैंक को किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए “वन टाईम सेटलमेंट पॉलिसी” लागू करने को भी कहा, मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि पिछली सरकार के दौरान हुई अनियमितताओं के चलते कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक का बोर्ड भंग किया गया है। कांग्रेस सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में बड़े सुधार कर रही है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश ने वर्ष 2025 की राष्ट्रीय शिक्षा रैंकिंग में पांचवां स्थान प्राप्त किया है, जबकि भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह रैंकिंग 21वीं थी।

उन्होंने बताया कि राज्य के प्रमुख अस्पतालों में 300 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं और दो सरकारी संस्थानों में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत हो चुकी है। प्राकृतिक आपदाओं से हुए 20,000 करोड़ रुपये के नुकसान के बावजूद राज्य में विकास कार्य सुचारू रूप से जारी हैं। चंबा जिले में मणिमहेश यात्रा के दौरान फंसे 16,000 श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी इसका प्रमाण है। ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ‘हिम-ईरा ब्रांड’ के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में दूध की कीमतों में 21 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि के बाद दूध की खरीद में भी उल्लेखनीय इजाफा हुआ है।

इस सम्मेलन में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने हिमाचल को 100% साक्षरता दर प्राप्त करने पर बधाई दी और केंद्र सरकार की सहकारी योजनाओं की जानकारी दी, उन्होंने ‘सहकार टैक्सी सेवा’ का लाभ उठाने का सुझाव भी दिया। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में सहकारिता आंदोलन की नींव 1892 में ऊना जिले के पंजावर से रखी गई थी, वर्तमान में राज्य के सहकारी बैंकों में लगभग ₹60,000 करोड़ की जमा राशि है।इस सम्मेलन में उत्तराखंड, केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों से सहकारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सभी ने सहकारिता क्षेत्र को सुदृढ़ करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया।