गुणवत्ता से नहीं बढ़ती लागत, होती है बचत: पीयूष गोयल

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

नई दिल्ली| केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि गुणवत्ता केवल उपभोक्ता संतुष्टि और सुरक्षा का माध्यम नहीं, बल्कि यह संचालन में दक्षता लाकर लागत में कमी का भी जरिया है, उन्होंने जोर देकर कहा कि गुणवत्ता बर्बादी को कम करती है और उच्च मूल्य की विश्वसनीय वस्तुएं एवं सेवाएं सुनिश्चित करती है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि गुणवत्ता मानकों को उपभोक्ता अधिकारों, प्रतिस्पर्धात्मकता और जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिए एक रणनीतिक उपकरण के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने चाणक्य के अर्थशास्त्र का हवाला देते हुए कहा कि उपभोक्ता संरक्षण और गुणवत्ता आश्वासन की अवधारणा भारत की प्राचीन विरासत में गहराई से समाहित है।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “Zero Defect, Zero Effect” विजन का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार एक राष्ट्रव्यापी गुणवत्ता और स्थिरता संस्कृति को मिशन मोड में आगे बढ़ा रही है और इस विजन का उद्देश्य है बिना किसी दोष के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाना और पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव डालना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक ऐसा आधुनिक गुणवत्ता ईकोसिस्टम विकसित कर रहा है, जिससे आने वाले समय में “भारत में डिज़ाइन, भारत में निर्मित” उत्पादों को वैश्विक स्तर पर विश्वसनीयता और उत्कृष्टता के प्रतीक के रूप में देखा जाएगा। गोयल ने ऊर्जा दक्षता में विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह क्षेत्र न केवल ऊर्जा खपत को घटा सकता है, बल्कि प्रदूषण को कम कर स्थायी विकास की दिशा में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकता है। गोयल ने अपने संबोधन के अंत में वैश्विक समुदाय से एकजुट होकर एक मानकीकृत, सुरक्षित और सतत भविष्य के निर्माण में सहयोग का आह्वान किया।