राजा वीरभद्र सिंह राजकीय महाविद्यालय सीमा (रोहड़ू) ने रचा विकास और नवाचार का नया इतिहास

 

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । राजा वीरभद्र सिंह राजकीय महाविद्यालय, सीमा (रोहड़ू) ने प्राचार्या डॉ. ललिता रावत के सशक्त, दूरदर्शी एवं प्रेरणादायी नेतृत्व में जून 2024 से मार्च 2025 के बीच कई उल्लेखनीय उपलब्धियों के साथ अपने शैक्षणिक, सामाजिक और अधोसंरचनात्मक विकास की एक नई इबारत लिखी है। डॉ. रावत को वर्ष 2019 में राष्ट्रपति पुरस्कार तथा वर्ष 2025 में PAAI , द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया है, जो न केवल संस्थान के लिए बल्कि समूचे हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। उनके कुशल प्रशासनिक नेतृत्व में कॉलेज ने “Seemanians हेल्पिंग हैंड्स” नामक एक विशेष दानदाता खाता स्थापित किया है, जो 2025–26 सत्र से पूरी तरह क्रियाशील होगा और अनाथ तथा आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। विद्यार्थियों में देशभक्ति और अनुशासन की भावना को प्रोत्साहित करने हेतु प्रतिदिन सुबह 9:55 बजे (एग्ज़ाम के दौरान सुबह 8:30 बजे) राष्ट्रगान की परंपरा शुरू की गई है।

 

ड्रेस कोड लागू कर छात्रों में समानता, अनुशासन और व्यावसायिकता की भावना का विकास किया गया है। आठ वर्षों से लंबित बहुउद्देशीय भवन के निर्माण कार्य को  मुख्यमंत्री  सुखविंदर सिंह सुक्खू  माननीय शिक्षा मंत्री  रोहित ठाकुर  और स्थानीय विधायक  मोहन लाल के आशीर्वाद से दोबारा आरंभ किया गया। 30 नवम्बर 2024 को आयोजित वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान छात्राओं के लिए एक नए छात्रावास की आधारशिला रखी गई, जिससे क्षेत्र की छात्राओं को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। वर्ष 2025–26 सत्र से एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम आरंभ करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है।

राज्य शैक्षणिक रैंकिंग (SAR) में महाविद्यालय ने पूरे हिमाचल प्रदेश में छठा स्थान प्राप्त कर एक कीर्तिमान स्थापित किया। रूसा अनुदान के तहत ₹59 लाख की लागत से कॉलेज गेट और पार्किंग निर्माण का कार्य प्रगति पर है, वहीं छात्रावास व स्टाफ क्वार्टरों की मरम्मत भी जारी है। विद्यार्थियों की सुविधा हेतु सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक मुद्रिका बस सेवा शुरू करने की योजना भी नई शिक्षा नीति के अनुरूप एक दूरदर्शी कदम है। कॉलेज के विस्तार हेतु FRA और FCA के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है, जिससे भविष्य में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत संभव हो सकेगी। ऑडिटोरियम की मरम्मत, स्क्रीन और छत के नवीनीकरण का कार्य भी जल्द शुरू होने वाला है। कॉलेज का नाम बदलकर राजा वीरभद्र सिंह राजकीय महाविद्यालय करना अब आधिकारिक रूप से पूर्ण हो चुका है, जो क्षेत्रीय गौरव का प्रतीक है।

डॉ. ललिता रावत द्वारा पुरातन छात्र संघ (OSA) को सक्रिय कर फरवरी 2025 में पांच दिवसीय जीवन कौशल कार्यशाला आयोजित की गई। वर्ष 2024 में एक सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला तथा तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन अन्य विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के सहयोग से किया गया, वहीं राजकीय महाविद्यालय टिक्कर में शिक्षकों के विकास हेतु अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर शैक्षणिक नवाचार को बढ़ावा दिया गया।

भविष्य की योजनाओं में सिविल सेवा व प्रतियोगी परीक्षाओं की विशेष कोचिंग, इनोवेशन क्लब की स्थापना, डिजिटल लाइब्रेरी व ई-कंटेंट लैब की शुरुआत, स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा, इंडोर स्टेडियम व जिम का निर्माण और छात्रवृत्तियों का विस्तार प्रमुख रूप से शामिल हैं। ये सभी प्रयास कॉलेज को न केवल शिक्षा का केंद्र बल्कि भविष्य निर्माण की प्रयोगशाला में परिवर्तित कर रहे हैं।