आदर्श हिमाचल ब्यूरो
राजगढ़। बीते जुलाई माह के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने से जहां नदी नाले उफान पर हैं, वहीं गिरि नदी के जल स्तर मेें आशातीत वृद्धि दर्ज हुई है । मरयोग स्थित केंद्रीय जल आयोग के प्रभारी प्रमोद कुमार के अनुसार इस वर्ष 28 जुलाई को करीब सांय चार बजे गिरि नदी का जलस्तर 2.85 मीटर रिकार्ड किया गया, जोकि इस बरसात के मौसम का सर्वाधिक बढ़ा जलस्तर माना जा रहा है । जबकि इन दिनों गिरि नदी का जल स्तर घटकर 1.20 मीटर रह चुका है ।
जल स्तर बढ़ने व गाद आने से गिरि नदी पर बनी अनेक पेय व सिंचाई योजनाएं प्रभावित हुई्र है । बताया कि बीते वर्ष बरसात के दौरान बहुत कम बारिश होने से गिरि नदी का अधिकतर जलस्तर केवल 1.35 मीटर बढ़ा था । गिरि नदी के किनारे रहने वाले अनेक गांव के बुजुर्गो ने बताया कि अतीत में गिरि नदी में बहुत ज्यादा बाढ़ आती है जिसकी पैमायश ग्रामीणों द्वारा नदी में पड़ी विशालकाय शिलाओं से की जाती थी । जिसके डूबने पर लोग उन शिलाओं पर बकरे की बलि दिया करते थे ।
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प्रमोद कुमार ने बताया कि यशवंतनगर की समुद्र तल से ऊंचाई को मध्यनजर रखते हुए जल आयोग द्वारा जीरो मानक गेज 895 मीटर निर्धारित किया गया है और इस मानक गेज के आधार पर जल स्तर मापा जाता है । अतीत के रिकार्ड का उल्लेख करते हुए उन्होने बताया कि गिरि नदी में 20 सिंतबर, 2008 को सबसे ज्यादा बाढ़ 903.80 मीटर रिकार्ड की गई थी अर्थात गिरि नदी में करीब आठ मीटर बढ़ गया था । जबकि 5 मई,1995 को सबसे ज्यादा डिस्चार्ज स्तर 1787.59 क्यूसेक रिकार्ड किया गया था ।
उन्होंने कहा कि गिरि नदी का कैचमेंट एरिया 1349 किलोमीटर है । गौर रहे कि इस वर्ष गर्मियों के मौसम में गिरि नदी का जलस्तर घटकर केवल 35 सैं0मी0 रह गया था, जोकि बीेते कई वर्षों की तुलना में काफी कम रिकार्ड किया गया था। इसका मुख्य कारण लिफ्टों से अत्यधिक पानी का दोहन करना बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार गिरि नदी के उदगम स्थल खड़ा पत्थर से लेकर यशवंतनगर तक करीब तीन हजार सरकारी व प्राईवेट लिफ्टें लगी है जिस कारण गिरि नदी का अस्तित्व में पड़ चुका है ।
प्रमोद कुमार ने बताया कि केंद्रीय जल आयोग द्वारा अब यशवंतनगर के गिरि नदी में स्वचालित सैटेलाईट कैमरा भी स्थापित किया गया है जिसका कुनेक्शन सीधे तौर पर जल आयोग के मंडल एवं उप-मंडल कार्यालय दिल्ली से जुड़ा है । इस स्वचालित कैमरा के माध्यम से नदी के जल स्तर की प्रतिदिन रिपोर्ट दिल्ली जाती है जहां पर इसकी विशेषज्ञों द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जाती है ।